एक्सिडेंट होने, तुरंत हस्पताल पहुंचने पर ऑटो ड्राइवर को किया सम्मानित
बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। एक समय था कि जब कोई किसी रोड दुर्घटना पीड़ित को अपने वाहन,या अन्य साधन से,हस्पताल पहुंचता था उससे ढेरो सवाल जवाब किए जाते थे,वही मुकदमों का भी दंश झेलना पड़ता था,या लोग पुलिस का इंतजार करते रहते हैं,वही, वीडियो बनाने में पीड़ित का गोल्डन पीरियड खतम कर देते हैं। जिस कारण आज भी लाखो अकस्मात मौत हो जाती हैं।अगर सभी जागरूक नागरिक बन जाए ,वीडियो बनाने की बजाए पीड़ित को तुरंत नजदीकी हस्पताल पहुंचा दिया जाए तो, रोजाना सैकड़ों जाने बचाई जा सकती हैं।
दिल्ली के आरके पुरम में एक रोड़ दुर्घटना देर शाम को हो गई थी,रास्ते में आने जाने वालों ने उसे उठाने कोशिश नही की वही वीडियो बनाने, अन्य गतिविधियों में लगे रहे।तभी एक ऑटो ड्राइवर मंगल मुखिया ने बिना किसी देरी किए कुछ लोगों को मदद लेकर पीड़ित को अपने ऑटो में उठाकर अकेले ही सीधे ट्रॉमा सेंटर मेडिकल हॉस्पिटल आ गया, वहा मौजूद स्वम सहायता डेस्क पर जानकारी दी तभी उनके काम,को हॉस्पिटल के सभी स्टाफ ने सराहना करते हुए सभी बयानों की पुष्टि करते हुए,आटो चालक मंगल मुखिया ,मुनिरका निवासी को एक बहादुरी प्रमाण पत्र दिया , साथ ही उनसे बैंक अकाउंट नंबर लेकर उनके खाते में 2000/ रुपए भी दिए गए।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए यह नियम सबको प्रभावित कर रहे हैं,वही मंगल मुखिया का कहना है कि मै दुर्घटना होने पर हस्पताल पहुंचाने का कोई किराया भी नही लेता हूं। अगर सभी लोग जिम्मेदार नागरिक की तरह अपनी जिम्मेदारी समझें तो रोजाना लाखो लोगों की जान बचाई जा सकती हैं। न कोई कोर्ट कचहरी का चक्कर, न कोई पूछताछ जिम्मेदार नागरिक बने।
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