बजट पर इंडियामार्ट इंटरमेश लिमिटेड के सीओओ दिनेश गुलाटी के विचार
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। एमएसएमई सेक्टर के लिए सही ब्याज और सही समय पर लोन मिलना हमेशा से एक समस्या रही है लेकिन इस बजट ने इसका समाधान देते हुए कई खास सुविधाएं भी दी है।बजट में मशीनरी और उसके उपरकरणों को ख़रीदने वाली एमएसएमई के लिये नयी स्कीम शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत एमएसएमई बिना कोलैटरल और गारंटी के बिना क्रेडिट एक्सेस कर पायेंगे। इससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को ना सिर्फ आर्थिक सहायता मिलेगी बल्कि उसका तेजी से विकास भी होगा। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने हाल ही में यह अनुमान लागू किया कि एमएसएमई सेक्टर में बीस से पच्चीस ट्रिलियन का क्रेडिट गैप है। बजट में मुद्रा लोन की लिमिट बढ़ाने और टीआरईडी रजिस्ट्रेशन के लिए टर्नओवर लिमिट कम करने से भी एमएसएमई को बड़ी राहत मिलेगी।
एमएसएमई सेक्टर के डिजिटल फुटप्रिंट को देखते हुए सरकारी बैंकों को एक नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल बनाने के निर्देश से लघु माध्यम कम्पनियो का डिजिटल सफ़र आसान होगा। टेक्नोलॉजी के लिए मदद देने और पीपीपी मॉडल पर ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए तैयार खास पैकेज से एमएसएमई के लिए भारत की सीमाओं के बाहर कदम रखना आसान होगा और इससे भारत दुनिया की प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाएगा।
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