हरियाणा के गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की तालाशी की घटना ने सिखों के दिलों को गहरी चोट पहुंचाई : परमजीत सिंह सरना
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। हरियाणा के नारायणगढ़ स्थित गुरुद्वारा श्री रातगढ़ साहिब में 29 अप्रैल को चल रहे गुरमति समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी के आगमन से पूर्व जिस प्रकार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की तलाशी ली गई उसने दुनिया भर के सिखों के दिलों को गहरी ठेस पहुंचाई है य़ह कहना है शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना का।
सरना ने कहा कि यह हम सभी के लिए सोचने और विचार करने का समय है कि जो अब तक कभी नहीं हुआ वह भारत में भी होने लगा है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग भी गुरुद्वारों में नतमस्तक होने के लिए आते रहे हैं मगर सुरक्षा के नाम पर ऐसा घिनौना कृत्य आज तक कभी नहीं हुआ। श्री अकाल तख्त साहिब को इस मामले का संज्ञान लेते हुए कार्यक्रम के प्रबंधकों को अकाल तख्त साहिब तलब कर कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए जिन्होंने ऐसा होने दिया क्योंकि हमारे लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब का आदर सर्वोपरि है ना कि कोई मंत्री या नेता।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सिख समुदाय से माफी मांगनी चाहिए, अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो सिख समुदाय को उनका सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए।
सरना ने सवाल करते हुए पूछा कि हरियाणा कमेटी के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह असंध और बलजीत सिंह दादूवाल कहां है? कुछ दिन पूर्व बलजीत दादूवाल गुरुद्वारा बंगला साहिब जैसे पवित्र स्थल पर बैठकर भाजपा का समर्थन कर रहे थे, आज इस बेअदबी की घटना के बावजूद अपनी जुबान पर ताला लगाकर क्यों बैठे हैं। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी जो भाजपा के चरणों में नतमस्तक है क्या वह अपना मुंह खोलेगी या सिर्फ सिर्फ बीजेपी की नौकरी तक ही सीमित है।
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