उत्तर प्रदेश में...

उत्तर प्रदेश में है वह स्थल जहां देवलोक से पृथ्वी पर अवतरित हुए भगवान गौतम बुद्ध

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की पावन धरा पर भगवान गौतम बुद्ध से जुड़े कई प्रमुख स्थल हैं। फर्रूखाबाद जिले में स्थित संकिसा में भगवान बुद्ध देवलोक से पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। ऐसे अनेक स्थल हैं जिनका अपना महात्म्य है। 23 मई को बुद्धपूर्णिमा के अवसर पर इन स्थलों पर शोभायात्रा निकाली जाएगी और दीपदान सहित अन्य आयोजन किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन, बौद्ध शोध संस्थान और संस्कृति विभाग के तत्वावधान में बौद्ध परित्राण पाठ, सांस्कृतिक कार्यक्रम व परिचर्चा का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम जी रहेंगे।

ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व पर परिचर्चा

विपिन खंड गोमतीनगर स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के सभागार में 23 मई को सुबह 10 बजे से कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। परिचर्चा का विषय "प्रदेश के बौद्ध तीर्थस्थल : ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व" रहेगा। इसी तरह निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता का विषय "बौद्ध तीर्थ स्थल : सारनाथ" रहेगा। परिचर्चा के वक्ता यूनिवर्सिटी आफ श्री जयवर्धनपुर, कोलोम्बु, श्रीलंका के प्रवक्ता वेन डॉ जुलम्पिटिये पुण्यसार महास्थविर, ​नव नालंदा विश्वविद्यालय बिहार के प्रोफेसर उमा शंकर व्यास और प्रोफेसर राम नक्षत्र प्रसाद रहेंगे।

भगवान बुद्ध ने कपिलवस्तु में जीवन के शुरुआती 29 वर्ष व्यतीत किए

उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े प्रमुख छह स्थल हैं। सिद्धार्थनगर जिले में स्थित कपिलवस्तु में सिद्धार्थ गौतम ने शुरुआती 29 साल व्यतीत किए। यहीं पर वृद्ध, बीमार, शव तथा संन्यासी देखकर उद्विग्न हुए और राज-महल त्यागकर सत्य की खोज में निकल पड़े। श्रावस्ती वह स्थान है, जहां गौतम बुद्ध ने जेतवन में पच्चीस वर्षावास व्यतीत किए।

संकिसा में भगवान बुद्ध देवलोक से पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। कौशाम्बी में बुद्ध ने बुद्धत्व के छठे और नौवें वर्ष व्यतीत किये। वाराणसी जिले में स्थित सारनाथ जहां 2,500 साल पहले भगवान बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को 'चार आर्य सत्य' का प्रथम धर्म उपदेश दिया था, जो 21वीं सदी में कई समस्याओं के समाधान के लिए प्रासंगिक है। कुशीनगर वह स्थान है, जहां गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। जिला महराजगंज में स्थित रामग्राम कोलिय साम्राज्य का प्रमुख नगर था। मान्यता है कि रामग्राम स्तूप में भगवान् बुद्ध के अवशेष मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश के जिला महराजगंज में स्थित देवदह की पहचान, रानी मायादेवी, प्रजापति गौतमी और राजकुमारी यशोधरा के मायके के रूप में की जाती है।

इन स्थानों का किया जा रहा पर्यटन विकास

बुद्धिस्ट सर्किट में स्थित पर्यटन स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटकों का आवागमन होता है। उत्तर प्रदेश पर्यटन की ओर से यहां पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। सारनाथ, संकिसा, कुशीनगर समेत अन्य स्थलों पर सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

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