दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ मामले में हत्या की धारा जोड़ने का फैसला किया : हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलों
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने अहम जानकारी साझा करते हुए कहा कि पिछले दिनों राउज़ एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 नरसंहार मामले में धारा 302 और 325 को खत्म कर दिया गया लेकिन हमने इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) को सारी जानकारी बताई थी कि यह सिख नरसंहार का मामला है, जिसमें रंगनाथन आयोग की सिफारिशों के बाद थाना विकासपुरी मे 1992 में एफआईआर नंबर 227/92 व एफआईआर नंबर 264/92 के तहत मामला दर्ज हुआ था। उन्होंने कहा कि सज्जन कुमार ने 1984 के सिख नरसंहार के दौरान सोहन सिंह और अवतार सिंह नाम के दो सिखों की हत्या कर दी थी।
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की ओर से दिए गए आवेदन के बाद एलजी ने पत्र पर संज्ञान लेते हुए एसआईटी को इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करने को कहा. आज जब हाई कोर्ट में बहस हुई तो माननीय जज ने माना कि उन्हें बरी करना गलत है जिसके बाद सज्जन कुमार के खिलाफ धारा 302 और 325 जोड़ी गयी है। यह सिख समुदाय और कमेटी के लिए बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि अब यह तय है कि सज्जन कुमार को भी इस मामले में दोषी ठहराया जाएगा. उन्होंने दोहराया कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी 1984 के सिख नरसंहार के सभी मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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