सरकारी अस्पतालों में...

सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं तो करोड़ों रुपए सालाना क्यों देती है सरकार : खोसला

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष राजीव जोली खोसला ने सरकारों की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कहा कि विज्ञापनों के जरिए सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज का करोड़ रुपया खर्च करते हैं जबकि धरातल में कुछ और है सोमवार को एमसीडी प्राइमरी स्कूल में दूसरी क्लास मैं पढ़ने वाले बच्चे आदित्य कुमार को चोट लग गई उसके हाथ की हड्डी टूट गई वहां की प्रिंसिपल श्रीमती जैन जी ने बच्चों को हैडवार अस्पताल ले गए जहां उन्होंने स्पष्ट माना कर दिया कि हमारे पास बच्चों की हड्डी को जोड़ने वाला साध सामान नहीं है आप बाजार से लेकर आओ उसके बाद बच्चों को चाचा नेहरू चिकित्सालय ले गए वहां भी स्पष्ट तोर से माना कर दिया गया उसके पश्चात बच्चों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज करना पड़ा तो जब इलाज प्राइवेट में करवाना है तो सरकारी अस्पताल क्यों सरकारी तंत्र किस आधार पर कहती है कि सरकारी अस्पतालों में हर प्रकार का इलाज मुफ्त होता है जांच भी मुफ्त होती है।

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी अस्पताल में इलाज तक नहीं मिलता भारत की जनता से निवेदन है कि आने वाले चुनाव में सोच समझकर निर्णय ले चाहे केंद्र सरकार हो चाहे किसी भी प्रदेश में राज्य सरकार हो वह जनहित जनता को सुविधा में नहीं देती वह सिर्फ अपना और अपने नजदीक क्यों का पेट ही बढ़ती हैं दिल्ली की मौजूदा सरकार को जेल स चल रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी पर लगता है इस प्रकार का मामला संज्ञान में आता नहीं यहां आता भी है तो वह दर किनारे कर देती हैं दिल्ली की सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बत्तर लूट जोरों पर है है केवल करोड़ों रुपए विज्ञापनों पर खर्च कर दिए जाते हैं हर सरकारी अस्पताल को करोड़ों रुपए सब्सिडी मिलती है जिसका दुरुपयोग संबंधित अधिकारी बंदर बांट आपस में ही खा जाते हैं चाहे पार्षद हो विधायक हो या सांसद यह किसी प्रकार भी जनता को लाभ पहुंचाने में असमर्थ हैं वोट मांगने आए तो उनसे पूछो आजादी के 76 वर्ष बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया इसका जिम्मेदार कौन अमीर -अमीर होता क्या और गरीब - गरीब फासला बढ़ता गया।

Comments