गोहत्यारी पार्टियों को वोट देकर गोहत्या का पाप न लें हिन्दू : शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। सनातन धर्म में गोहत्या महापाप है, गोहत्या करने वाले को समर्थन देने वाले को भी पाप लगता है। इसलिये सत्ता में आकर गोहत्या करने वाले राजनीतिक दलों को मत देकर उन्हें सत्ता में लाने वाले मतदाताओं को भी गोहत्या का पाप लग रहा है। हिन्दुओं को इससे बचने और अपने मताधिकार का सही प्रयोग करने की आवश्यकता है। श्काराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती उक्त बातें ज्योतिष्पीठाधीश्वर जी जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती 'जी महाराज ने आयोजित एक प्रेसवार्ता में कही।स्वामी जी वृंदावन के 14 फरवरी को गौ हत्या के विरोध में पदयात्रा कर दिल्ली पहुंचे थे।
परमाराध्य ने आगे कहा कि हमारे शास्त्र हमें बताते हैं कि गौमाता सर्वदेवमयी है। इनकी पूजा करने से 33 करोड देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है। इनका स्थान सर्वोपरि है।तभी तो सनातन धर्म में देवता और गुरु के लिए नहीं, अपितु गौमाता के लिए पहली रोटी (गौ-ग्रास) निकालने का नियम है। हमारे देश का यह भी गौरवपूर्ण इतिहास रहा है कि चक्रवर्ती सम्राट् दिलीप और भगवान् राम कृष्ण आदि ने भी गौसेवा की है। परन्तु बहुसंख्यक गौ-पूजक सनातनियों के इस देश में आज गौमाता की हत्या हो रही है जो हम सबके लिए कलंक है। इसी कलंक को भारत की भूमि से मिटाने के लिए पूर्व में भी अनेक सन्तों ने धर्मसम्राट् स्वामी श्री करपात्री जी महाराज एवं शङ्कराचार्यों के नेतृत्व में गौरक्षा आन्दोलन किया था। तब से अब तक अनेक सरकारें आईं पर किसी ने भी गौहत्या बन्दी की उद्घोषणा नहीं की बल्कि मुग़लों, आक्रमणकारियों और अंग्रेजों द्वारा की जा रही गो हत्या को बढ़ावा देती रहीं। अब जब देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और रामजी के आने की बात कही जा रही है तब भी अमृत (दूध) देने वाली गोमाता की हत्या होती रहे तो यह सरासर अन्याय है और आम हिन्दू मतदाताओं को पाप में डालने वाला काम है जिसे किसी भी दशा में रोका जाना चाहिए। इसीलिए हम सब हिन्दू सनातनी चाहते हैं कि भारत में गोहत्या को दण्डनीय अपराध माना जाए और गोमाता को पशुसूची से निकालकर राष्ट्रमाता का सम्मान दिया जाए।
जिस प्रकार देश में राष्ट्र ध्वज, राष्ट्रीय पक्षी आदि को संविधान में सम्मान प्राप्त है वैसे ही गौमाता को भी राष्ट्र माता का सम्मान प्राप्त हो क्योंकि हमारे शास्त्रों में *पशवो न गावः* कहकर उन्हें पशु मानने का निषेध किया है और उनके लिये विश्वमाता कहकर सम्मानित किया है।स्वामी जी ने एक प्रश्न पर बताया की मौजूदा सरकार की चुनावी घोषणा की चार सौ पार झूठ है इसे हम 420समझते हैं क्योंकि हिंदू वादी सरकार कहना और गौ रक्षा नही करना, मास का निर्यात करना यही दर्शाता है कि सरकार केवल दिखावा कर रही है ।हम संत समाज सभी राजनेतिक दलों को इसका दोषी मानते हैं,इस बार जो भी पार्टी अपने घोषणा पत्र में गौ रक्षा की बात करेगी, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की घोषणा करेगी हम उसका समर्थन करेंगे।
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