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चुनावी बॉन्ड पर 'सुप्रीम' फ़ैसले का स्वागत : सुकुमार पटजोशी, उपाध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड स्कीम पर बड़ा फैसला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड को रद्द कर दिया है। साथ ही अदालत की तरफ से 'स्टेट बैंक ऑफ इंडिया' (एसबीआई) को निर्देश दिया गया है कि वो इन बॉन्डों को और जारी नहीं करे। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुकुमार पटजोशी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के बाद से अब तक खरीदे गए ऐसे सभी बॉन्डों की जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने के भी निर्देश दिए हैं। चुनावी बॉन्ड स्कीम पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इस स्कीम को मोदी सरकार ने 2018 में शुरू किया था।इसकी वैधता पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में चार याचिकाएं दाखिल की गई थीं। 

चुनावी बॉन्ड स्कीम के जरिए चंदा ऐसे राजीनीतिक दल हासिल कर सकते थे, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के तहत रजिस्टर्ड हैं और जिन्हें पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में एक प्रतिशत से अधिक वोट मिले हों। कोई भी नागरिक, कंपनी या संस्था किसी पार्टी को चंदा दे सकती थी। ये बॉन्ड 1000, 10 हजार, 1 लाख और 1 करोड़ रुपये तक के हो सकते थे।खास बात ये है कि बॉन्ड में चंदा देने वाले को अपना नाम नहीं लिखना पड़ता था।

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