दक्षिणी दिल्ली लोक सभा स्थित राजपुर खुर्द मेँ अनुसंधान एवं प्रशासनिक भवन का उद्घाटन
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। आज दक्षिणी दिल्ली लोक सभा स्थित राजपुर खुर्द, मैदानगढ़ी छत्तरपुर में केन्द्र सरकार द्वारा 32 करोड़ 38 लाख रूपये की लागत से कृषि अनुसंधान एवं प्रशासनिक भवन का उद्घाटन माननीय केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा जी एवं मा0 राज्य मंत्री श्री कैलाश चैधरी जी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि सांसद दक्षिणी दिल्ली श्री रमेश बिधूड़ी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि वर्ष 2018 में डाॅ. टी. महापात्रा पूर्व सचिव डेयर और महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा दक्षिणी दिल्ली के राजपुर खुर्द, मैदान गढी में केंद्र के नए भवन की आधारशिला रखी गई थी और आज केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा 32 करोड 38 लाख रुपये की लागत से इस भवन का निर्माण कार्य विधिवत रूप से संपन्न हुआ है। बिधूड़ी ने कहा कि इस दिशा में किए गए कार्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं केंद्र की फसल सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते है जो कि अति सराहनीय है। मैं संस्थान को नए भवन में प्रवेश के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं देता हूँ। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा पिछले 5 वर्षों के में 10 राज्यों (707 गांवों) में 26 हजार 342 हेक्टेयर में 17 फसलों में स्थान आधारित आईपीएम (Integrated Pest Management) पद्धतियों का सत्यापन और प्रसार किया गया, जिसमंे लगभग 9307 किसान शामिल है।
इस दौरान बिधूड़ी ने मोदी सरकार द्वारा किसानों की आत्मनिर्भता के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृषि बजट वर्ष 2014 में 25 हजार करोड़ था जो बढ़कर 2024 में 1 लाख 27 हजार करोड़ है। अब तक किसान सम्मान निधि से 11.8 करोड से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिसकी 2016 में शुरुआत हुई पिछले 7 वर्षों में 14.9 करोड से अधिक आवेदकों को 1.45 लाख करोड रुपए से अधिक दिए गए हैं। कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत कृषि यंत्रों पर 40 से लेकर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फसल उत्पादन बढाने के लिए रोजाना नई तकनीक शोध का प्रयोग, सौर ऊर्जा में छूट सोलर रूफटॉप पैनल, 3 किलोवाट पर 40 फीसदी तक सब्सिडी, 10 किलोवाट पर 20 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है।
नैनो एक बोरी यूरिया अब एक बोतल में उपलब्ध है, फसल में भी ड्रोन का प्रयोग- कम समय में, बराबर मात्रा में उर्वरकों का छिडका कीटनाशकों की समस्या को हल करने के लिए केन्द्र निरंतर अपने शोध एवं प्रसार कार्यक्रमों द्वारा प्रयासरत है। केंद्र द्वारा दो राज्यों, महाराष्ट्र और हरियाणा में 25 फसलों में लगभग 185 लाख हेक्टेपर क्षेत्र में सूचना प्रोद्योगिकी (आईसीटी) आधारित नाशीजीव निगरानी और सलाहकार प्रणाली लागू की गई है। उन्होंने आगे बताया कि आईपीएम (प्दजमहतंजमक च्मेज डंदंहमउमदज) प्रौद्योगिकियों पर 27 मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर होस्ट किया गया है (लगभग 17000 से ज्यादा डाउनलोड) जिसके परिणामस्वरूप कीटनाशकों का विवेकपूर्ण उपभोग हुआ और उत्पादन में वृद्धि हुई है। 2023 के दौरान 3500 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया गया और तीन राष्ट्रीय प्रशिक्षण आयोजित किए गए।
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