सिख इतिहास...

सिख इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा को अकाल तख्त पर बुलाया जाए : सरना/बीबी रणजीत कौर

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और महिला विंग की प्रधान सेवादार बीबी रणजीत कौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मनजिंदर सिंह सिरसा सिखों के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उनके द्वारा सिखों के इतिहास को गलत ढंग से पेश किए जाने को देखते हुए जत्थेदार अकाल तख्त साहिब को उन्हें अकाल तख्त साहिब पर बुलाया जाना चाहिए और उनके द्वारा बताए गए गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब के इतिहास के ऐतिहासिक साक्ष्य मांगे जाने चाहिए. दोनों नेताओं ने कहा कि पिछले दिनों सिरसा ने कहा था कि गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब मस्जिद को तोड़कर बनाया गया है। जो आरएसएस के इशारे पर सिख इतिहास के साथ जानबूझकर की गई छेड़छाड़ है। जब नौवें पातशाह साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी को औरंगजेब ने शहीद कर दिया, तो गुरु साहिब के सेवक भाई जैता जी उनके सीस को आनंदपुर साहिब ले गए और भाई लक्खी शाह वंजारा गुरु जी के शरीर को अपने घर ले आए जहाँ उन्होंने गुरुजी के शरीर को अपने घर में आग लगाकर अंतिम संस्कार किया।

भाई लक्खी शाह वंजारा के परिवार को सिख इतिहास में बहुत ऊंचा स्थान मिला, लेकिन यह कहना अस्वीकार्य है कि यहां एक मस्जिद थी जिसे तोड़कर गुरुद्वारा साहिब बनाया गया। उन्होंने सिरसा की ओर इशारा करते हुए कहा कि सिखों ने जेलों में भी धार्मिक आस्थान बनाये हैं, वह कोई भी सिख इतिहास का सबूत दें कि भले सिखों का शासन रहा हो या ब्रिटिश सरकार से प्रतिरोध का समय रहा हो, चाहे गुरु जी के काल का समय ही क्यों न रहा हो? सिखों ने कभी किसी धर्मस्थल को तोड़कर अपना गुरुद्वारा नहीं स्थापित किया है। उन्होंने सिंह साहिबों से अपील करते हुए कहा है कि मनजिंदर सिंह सिरसा को जल्द से जल्द अकाल तख्त साहिब पर बुलाकर पूछताछ की जाए, ताकि वह राजनीतिक फायदे के लिए सिख इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने से बाज आएं ।

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