मत्स्य पालन...

मत्स्य पालन किसानों को मिले समय पर इंश्योरेंस की जानकारी : रूपला

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने पूसा, नई दिल्ली में हाइब्रिड मोड में मत्स्यपालन और एक्वाकल्चर इंश्योरेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की,मंत्री परषोत्तम रूपाला ने सभी हितधारकों से वेसल्स बीमा योजनाओं के लिए दिशानिर्देश तैयार करने पर अपने सुझाव और इनपुट के साथ आगे आने का आग्रह किया,उन्होंने सभी लाभार्थियों को इंसोरेंस से जुड़ी सभी तरह की जानकारियों ,इंसोरेंस कंपनियों को दिशा निर्देश आसान और हर भाषा में देने का भी आदेश दिया।

केंद्रीय मंत्री ने लाभार्थियों को ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम (जीएआईएस) के चेक वितरित किए।इस मौके पर विभिन्न मत्स्य किसानों के संगठनों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर अपनी अपनी समस्या भी मंत्री जी के सामने रखी, वही उतराखंड से आए प्रतिनिधि ने बताया की राज्य सरकार से किसी ही प्रकार की सुविधाए नही मिल रही,वही विभाग का फंड भी अन्य संसाधनों में लगाया जा रहा है,वही कईयों ने आरोप लगाया की राज्य सरकार अपने जानकारों को ज्यादा लाभ देती हैं वही कई किसान आज भी अपने माल को बाजार में बेच के लिए परेशान हो रहे हैं। उन्हे बाजार नई मिल रहा। मंत्री रूपला ने विदेशी इंसोरेंस कांपनाइयो जिसमे मंत्रालय के विभाग की ओर से जापान और फिलीपींस जैसे अन्य देशों में मछुआरों के लिए सफल इंश्योरेंस मॉडल का अध्ययन करेगा और उनके अनुभवों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अनुकूलित किया जाएगा। 

मत्स्यपालन विभाग सचिव डॉ.अभिलक्ष लिखी मत्स्यपालन, हाइब्रिड मोड में मत्स्यपालन और एक्वाकल्चर इंश्योरेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। केंद्रीय मंत्री ने कुछ लाभार्थियों को समूह दुर्घटना बीमा योजना (जीएआईएस) के चेक भी वितरित किए। इस अवसर पर मत्स्यपालन विभाग के, संयुक्त सचिव सागर मेहरा और सुश्री नीतू कुमारी प्रसाद भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री परषोत्तम रूपाला ने सभी हितधारकों से वेसल्स इंश्योरेंस योजनाओं के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए अपने सुझाव और इनपुट के साथ आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम (जीएआईएस) काफी सफल रही है और इसी तरह की सफलता को मछुआरा समुदाय के बीच फसल बीमा और वेसल्स बीमा के लिए भी इस्तेमाल होना चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि नई योजनाएं बनाते समय जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न मुद्दों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। श्री रूपाला ने सम्मेलन के आयोजन के लिए विभाग की सराहना की।

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