तीन दशकों तक दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी पर काबिज़ रहते हुए सरना व गोलक चोर साथी को जत्थेदार कांउके की याद क्यों नहीं आई ; हरमीत सिंह कालका
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका ने शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना से सवाल करते हुए पूछा कि दिल्ली कमेटी पर उनका व उनके गोलक चोर साथी का तीन दशकों तक कब्ज़ा रहा है इस दौरान उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिब भाई गुरदेव सिंह की याद क्यों नहीं आई?
यहां जारी एक बयान में सरदार हरमीत सिंह कालका ने कहा कि पूरा सिख समुदाय सरना व उसके गोलक चोर साथी की हकीकत से वाकिफ है। तीन दशकों में इन लोगों ने कभी सुमेध सिंह सैनी की डीजीपी के रूप में नियुक्ति का विरोध नहीं किया, कभी बरगाड़ी मामले के न्याय के बारे में बात नहीं की और ना कभी 328 शवों के गायब होने के बारे में बात नहीं की।
अब जब हम पंथ के सेवक होने के नाते संगत द्वारा सौंपी गई सेवा की जिम्मेदारी को निभाते हुए बरगाड़ी और भाई काउंके के न्याय का मुद्दा उठा रहे हैं तो सरना बंधुओं को तकलीफ हो रही है। सरदार सरना को संगत को बताना चाहिए कि वे भाई कौनके को फख्र ए कौम अवार्ड देने की मांग का विरोध क्यों कर रहे हैं? क्या भाई कांउके श्री अकाल तख्त साहिब के एकमात्र कार्यकारी जत्थेदार नहीं थे जिन्होंने कौम की खातिर शहादत दी?
यदि भाई काउंके के लिए पुरस्कार की बात न करें तो क्या 1984 के सिख नरसंहार के अपराधियों को सम्मानित करने वाले सरना बंधुओं को यह पुरस्कार मिलना चाहिए। सरदार कालका ने सरना बंधुओं की हकीकत से पूरा पंथ वाकिफ है। अब तक जिन लोगों को गालियां दिया करते थे उनके साथ ही सांठगांठ कर ली। सरदार सरना को किसी भी भ्रम में नहीं रहना चाहिए क्योंकि संगत ने उन्हें पहले भी
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