सिखों की भावनाओ...

सिखों की भावनाओ से न खेले केंद्र सरकार : बीबी रणजीत कौर

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों से केंद्र सरकार का मिलने से समय ने देना सिखों की भावनाओ से खिलवाड़ बीबी रणजीत कौर ।मीडिया में जारी हुई खबर कि सिख राजनीतिक कैदी भाई बलवंत सिंह राजोआना की फांसी रद्द करने के लिए एसजीपीसी अध्यक्ष और सचिव के पत्रों का गृह मंत्रालय ने जवाब नहीं दिया और मिलने के लिए समय नहीं दिया. सिख पंथ के लिए यह बहुत चिंता का विषय है. इस के लिए दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के वर्तमान और पूर्व अध्यक्ष जिम्मेदार हैं, जो अब केंद्र की सुख-सुविधा ले रहे हैं। जब भी उनका कोई निजी मसला होता है तो वे तुरंत मंत्रियों के पास बैठकर फोटो खिंचवाते नजर आते हैं, लेकिन जब भी पंथ का कोई मसला आया तो उन्होंने उसे स्वारने की बजाय उसे बिगाडा है. जिसका फायदा मौजूदा सरकार को मिलता है और वह सिखों को फिर से गुलाम जैसा महसूस करा रही है।

एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरचरण सिंह धामी साहिब, शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना समेत सिख पंथ के सभी राजनीतिक और धार्मिक संगठन को भाई राजोआना जी के लिए दिल्ली की संसद के सामने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन कर फांसी को रद्द करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए क्योंकि दिल्ली कमेटी के प्रबंधको ने कौम विरोधी कार्रवाई करते हुए सरकार को खुश करने के लिए पूर्व में प्रस्तावित विरोध मार्च को एक साजिश के तहत रद्द करवा दिया था। यह शब्द शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई की महिला विंग की मुख्य सेवादार बीबी रणजीत कौर ने मीडिया को जारी एक बयान में व्यक्त किये।

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