रेलवे मंत्री...

रेलवे मंत्री और अधिकारियों में सिर्फ इच्छा शक्ति की कमी, रेलवे को सुगम नहीं कर पा रहा है, आखिर क्यों ? : सुवर्णा राज

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। विकलांग जनों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक्टिविस्ट स्वर्गीय श्री जावेद आबिदी के बाद कोई नहीं है जो भारत में बड़े मुद्दों पर विकलांगों की आवाज बन सके। रेलवे लगातार विकलांग जनों की उपेक्षा करता आ रहा है, बार बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं और मेरे साथ तो पहले कई बार हो चुकी है! जबकि हजारों लाखों विकलांग रोज रेलवे में सफर करते हैं। 

सुवर्णा राज ने कहा की मैने कई बार कोशिश की है रेलवे में बदलाव करने की, 2017 में रेल मंत्री ने मुझे बुलाया और बोला 150 साल पुरानी रेलवे को एक दम नहीं बदला जा सकता। आज भारत बुलेट ट्रेन चलाने जा रहा है पर देश की साधारण ट्रेन में विकलांग जन यात्रा नहीं कर सकते और जो सुगमता ना होने पर भी यात्रा करके परेशानियों का सामना करते हैं। आज भारत 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी की तरफ जा रहा है पर रेलवे को सुगम नहीं कर पा रहा है, आखिर क्यों ? 

भारत से छोटे छोटे देशों में रेलवे सुगम है और विकलांगों को प्रयाप्त सुविधाएं दी जाती हैं। रेलवे मंत्री और अधिकारियों में सिर्फ इच्छा शक्ति की कमी है। मैंने रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव जी को कई बार मिलने के लिए समय मांगा पर उन्होंने जवाब तक नहीं दिया। मैं आज सभी मीडिया के दोस्तों से कहना चाहती हूं कि जल्द ही रेलवे ने बड़े बदलाव नहीं किए तो मैं रेल मंत्रालय के खिलाफ धरना दूंगी और अनशन करूंगी। साथ ही आपसे अनुरोध है कि कल 12 बजे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर आएं और राजधानी जैसी ट्रेन में पैरा खिलाड़ियों की स्थिति देखे और हमारी आवाज को रेल मंत्री तक पहुंचाए। मैं आपकी हमेशा की तरह आभारी रहूंगी ।

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