मेरे खिलाफ दिए ब्यानों से सिरसा भाग गए : जीके
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। राउज़ एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने बुधवार को दिल्ली कमेटी नेताओं मनजिंदर सिंह सिरसा, हरमीत सिंह कालका और जगदीप सिंह काहलों द्वारा दायर 'आपराधिक समीक्षा' याचिकाओं को खारिज कर दिया है। दरअसल, दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके की ओर से दायर मानहानि के मुक़दमे में तीनों आरोपियों ने निचली अदालत द्वारा जारी समन को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। जीके ने आज मीडिया को इस मामले की जानकारी देते हुए दावा किया कि मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने वाले सिरसा अब मेरे द्वारा कोर्ट में दायर मानहानि केस में अपने पुराने स्टैंड से भाग गए हैं। साथ ही ये तीनों नेता मेरे खिलाफ अपने पुराने आरोपों का सबूत भी कोर्ट में पेश करने में सफल नहीं हुए हैं। इसलिए मेरे द्वारा पेश किए गए सबूतों और गवाहों के आधार पर निचली अदालत ने इन तीनों आरोपियों के खिलाफ मानहानि के आरोप में सुनवाई शुरू की और इन नेताओं को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया था।
जीके ने कहा कि फरवरी 2020 में दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह हित ने मेरे द्वारा कथित तौर पर हस्ताक्षरित एक पत्र के हवाले से अपनी सुखो खालसा स्कूल सोसाइटी की आड़ में गुरु हरिक्रिशन पब्लिक स्कूल, हरि नगर की जमीन पर दावा करते हुए तीस हजारी अदालत में केस दायर किया था। जिसके बाद सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुझ पर आरोप लगाया था कि 2016 में मैंने हित को गुरु हरिक्रिशन पब्लिक स्कूल, हरि नगर उनकी सुखो खालसा सोसायटी को एक कथित पत्र के माध्यम से सौंप दिया था। इस संबंध में, सिरसा ने दिल्ली कमेटी के मीडिया सलाहकार के हवाले से कमेटी के आधिकारिक ईमेल पते से मीडिया को एक प्रेस नोट भी जारी किया था। लेकिन जब मैंने एक जवाबी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस कथित पत्र में दर्ज हस्ताक्षर और इसकी कट-पेस्ट सामग्री पर सवाल उठाया, तो सिरसा ने कहा कि इस कथित पत्र की संदर्भ संख्या एक सिख लड़की को जारी किए गए अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र की है। जिसके बाद मैंने मई 2023 में इस कथित पत्र के खिलाफ सिरसा के खिलाफ कोर्ट से एफआईआर दर्ज करवाई थी। अब मैंने इन तीनों को इस बारे में झूठी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए मानहानि के आरोप के तहत अदालत से समन करवाया है। इन समन को अब इन तीनों नेताओं ने सेशन जज के सामने चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
जीके ने कहा कि इस पूरी कवायद के दौरान हमें हित द्वारा दायर केस से जुड़े प्रमाणित दस्तावेज मिले हैं। जिसके अनुसार 24 फरवरी 2020 को मुझ पर गुरु हरिक्रिशन पब्लिक स्कूल, हरि नगर को बेचने का आरोप लगाने वाले सिरसा ने 3 मार्च 2020 को हित के साथ समझौता कर लिया था। जिसके चलते दिल्ली कमेटी ने इस मामले में इस कथित पत्र को लेकर कोर्ट के माध्यम से हित के खिलाफ कोई की पैरवी नहीं की थी। इन दोनों पक्षों के इस समझौते की जानकारी कोर्ट के आदेश में दर्ज है। अब इसी समझौते को हमारे द्वारा मानहानि का आधार बनाया गया है। अगर मैंने हित को पत्र दिया था तो फिर सिरसा ने हित से समझौता क्यों किया? इसके साथ ही 14 फरवरी 2020 को दिल्ली कमेटी द्वारा जनरल हाउस बुलाकर जीके की कमेटी सदस्यता खत्म करने के लिए सिरसा द्वारा किए गए दावे के बारे में मीडिया को बताते हुए जीके ने खुलासा किया कि सिरसा कोर्ट में अपने पुराने स्टैंड और ब्यान से अब भाग गए है।
जीके ने कहा कि अब सिरसा कोर्ट में कह रहे हैं कि यह जनरल हाउस मैंने नहीं बल्कि महासचिव हरमीत सिंह कालका ने बुलाया था। जीके के बारे में जो बातें मैंने बाहर आकर मीडिया से कहीं, वह मेरी नहीं, बल्कि जनरल हाउस में आए सदस्यों की राय थी। मैंने तो सिर्फ अध्यक्ष के तौर पर ये बातें मीडिया के सामने रखीं थीं। जीके ने कहा कि जिन लोगों ने कभी हाथ हिलाकर मुझ पर आरोप लगाये, वे अब जेल जाने से बचने के लिए अपने पहले के ब्यानों से हाथ उठाकर बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। साथ ही, सिरसा की ये हरकतें इस बात का संकेत हैं कि वह अब उस जनरल हाउस में मौजूद कमेटी सदस्यों को मेरी मानहानि का सह-आरोपी बनाना चाहता है। इस मौके पर दिल्ली कमेटी के सदस्य परमजीत सिंह राणा, सतनाम सिंह खालसा, महिंदर सिंह, जागो महासचिव डॉ. परमिंदर पाल सिंह, एडवोकेट नगिंदर बेनीपाल और जागो नेता सुखमन सिंह मौजूद रहे।
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