मनजीत सिंह जीके का अकाली दल में शामिल होने से शिरोमणि अकाली दल मजबूत होगी : बदल
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में अकाली दल को मिली और मजबूती नेता सरदार मंजीत सिंह जीके के अपनी पूरी जागो पार्टी टीम के साथ अकाली दल में शामिल हुए। जीके ने सरदार सुखबीर सिंह की मौजूदगी में अपनी जागो पार्टी का विलय कर राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को मजबूत करने के साथ साथ सभी लंबित सिख मुददों का समाधान करने के लिए दिल्ली अकाली दल परमजीत सिंह सरना के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
यह घटनाक्रम तब हुआ जब अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज दिल्ली अकाली दल अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लीडरशीप के साथ सरदार मंजीत सिंह जीके के आवास का दौरा किया। इससे पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य और पूर्व पार्षद परमजीत सिंह सरना भी दोबारा अकाली दल में शामिल हो गए।
सरदार जीके ने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष ने पंथक एकता की अपील करने के लिए उनके आवास पर आकर बहुत अच्छा किया और घोषणा की कि वह अपनी पूरी जागो पार्टी टीम के साथ अकाली दल में बिना शर्त दोबारा शामिल हो रहे हैं। उन्होने यह भी कहा कि वह श्री अकाल तख्त के समक्ष अकाली दल अध्यक्ष द्वारा दिल से मांगी गई माफी से काफी हद तक प्रभावित हुए हैं। उन्होने कहा, ‘‘ एकता समय की मांग है और हमारे लंबित मुददों को हल करने के लिए इसकी आवश्यकता है, चाहे वह बंदी सिंहो की आजादी हौ यां अनुच्छेद 25(खंड -2बी) मं सशोंधन की बहारी यां फिर ज्ञान गोदड़ी साहिब और श्री डांगमार साहिब की बहाली, शिरोमणी कमेटी के मामलों में हस्तक्षेप को रोकना और चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कमजोर करना हो। उन्होने श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर सभी सिख बंदियों को रिहा करने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटने के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की और भाई बलवंत सिंह राजोआणा को रिहा नही करने लेकिन बिलकिस बानो के बलात्कारी को रिहा करने के दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।
दिल्ली अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने जीके का पार्टी में वापिस आने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर सिख समुदाय एक होकर एकजुट नही हुआ तो इतिहास उन्हे कभी माफी नही करेगा। उन्होने कहा, ‘‘ ऐसा नही हुआ तो हमें भेदभाव का सामना करना पड़ेगा’’। इस अवसर पर भूंदड़,चंदूमाजरा के साथ मुंबई और बिहार से सैकड़ों सिख समुदाय के लोग उपस्थित रहे।
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