अनेकता में एकता ही SCBA की ताक़त है : सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन
बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट देश की सबसे बड़ी अदालत है। देश के हर नागरिक का भरोसा सुप्रीम कोर्ट पर है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की जिम्मेदारी भी काफी बढ़ जाती है।सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुकुमार पटजोशी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन 'अनेकता में एकता' का बेहद खूबसूरत उदाहरण है। बीते 25 दिसंबर को हम सब ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से क्रिसमस के शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें बार के सदस्यों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने शिरकत कर इस कार्यक्रम की शोभा और बढ़ा दी थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के साथ मिलकर संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती- 'संविधान दिवस' का कार्यक्रम का आयोजन किया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में ही बार ने दिवाली और गुरु पर्व का भी आयोजन किया था। जिसमें बड़ी तादाद में बार के सदस्य ने भी हिस्सा लिया था।
ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं। जो ये साबित करती है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन 'अनेकता में एकता' के सूत्र पर काम करता है। इसे अपनी ताकत मानता है। यही वजह है कि यहां पर हर कार्यक्रम या उत्सव हम लोग पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। उसमें हमें प्रधान न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ और अन्य सम्मानित न्यायाधीशों का भी पूरा सहयोग मिलता है। इस बार सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ और बार के एक्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्यों के बीच तालमेल इतना बेहतर है की बहुत सारे ऐसे आयोजन पहली बार सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुए जो किसी न किसी कारण पहले नहीं हो पाया था।
लगभग हर कार्यक्रम में बार के सभी सदस्य चाहे वह किसी भी जाति, धर्म और संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं सब उसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुकुमार पटजोशी ने बताया कि बार इसी तरह से आने वाले समय में भी 'धर्मनिरपेक्षता' को चरितार्थ करता रहेगा।
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