राष्ट्रीय शिक्षा नीति...

एक महत्वपूर्ण बातचीत 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति'

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। वाइस चांसलर्स की राउंडटेबल चर्चा' वैली ऑफ वर्ड्स इंटरनेशनल लिटरेचर एंड आर्ट्स फेस्टिवल के सातवें संस्करण में आयोजित की गई। सत्र की अध्यक्षता उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव एन रविशंकर ने की और संचालन शिक्षाविद् लेखक डॉ. आमना ने किया। इस सत्र में प्रसिद्ध कुल गुरु बतौर पैनलिस्ट उपस्थित रहे। प्रो. सुरेखा डंगवाल (दून यूनिवर्सिटी), डॉ. राजेंद्र डोभाल (स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी), डॉ. राम के शर्मा (यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज, देहरादून), प्रो. संजय जसोला (ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी), प्रो. नरपिंदर सिंह (ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी) बतौर पैनलिस्ट उपस्थित रहे।

डॉ. संजीव चोपड़ा, एलबीएस नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व निदेशक जो वर्तमान में एक इतिहासकार, नीति विश्लेषक हैं और वैली ऑफ वर्ड्स के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं - ने कहा कि इस खंड में पाठ्यक्रम में लचीलेपन, ऑन्टोलॉजी के नए आयाम और सीखने की ज्ञानमीमांसा, कौशल विकास, भारतीय ज्ञान प्रणाली पर व्यापक मंथन हुआ जो बहुत महत्वपूर्ण है।


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