सिखों ने हमेशा...

सिखों ने हमेशा अपनी बहादुरी और वफादारी का सिक्का जमाया है : जीके

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। 'जागो पार्टी' के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने न्यूयॉर्क में नासाउ काउंटी पुलिस अकादमी में सांस्कृतिक विविधता के विषय पर नासाउ पुलिस रंगरूटों को संबोधित किया। जीके ने प्रतिष्ठित सिख नेता महिंदर सिंह तनेजा के साथ इन नवनियुक्त पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्हें सिख इतिहास, सिख मूल्यों, दस्तार और कृपाण के महत्व के बारे में बताया। वर्तमान में गलत पहचान के कारण अमेरिका में सिखों पर होने वाली नस्लवादी टिप्पणियों और हमलों को याद करते हुए जीके ने अरब मुसलमानों और सिखों की शक्ल के बीच अंतर को परिभाषित किया। जीके ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए आपको कानून और संविधान का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। इसलिए आपको अरब मुस्लिम और सिखों की शक्ल-सूरत के बीच के अंतर को जरूर समझना चाहिए। क्योंकि प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध तथा भारत की स्वतंत्रता से लेकर आधुनिक विश्व की तरक्की में कार्यरत रहते हुए सिखों ने सदैव अपनी बहादुरी और वफादारी का सिक्का जमाया है। सारागढ़ी की लड़ाई ने सिखों की वीरता और साहस को इतिहास के पन्नों पर मान्यता दिलाई है।

जीके ने कहा कि सिख हमेशा अपने गुरुओं के बताये रास्ते पर बेबाकी से चलने का प्रयास करते हैं। इसलिए कोविड के कठिन समय में जब लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डरते थे, तब सिखों ने ऑक्सीजन के साथ भोजन का लंगर लगा करके मानवता को जीवित रखा था। यहां तक ​​कि जब लोगों ने अपने प्रियजनों के शवों से मुंह मोड़ लिया, तब भी केवल सिख ही श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार करते नजर आए थे। क्योंकि गुरुओं ने हमें मानवता की सेवा के संस्कार दिए है। बेशक, सिख समुदाय वर्तमान में अपने साहस, कड़ी मेहनत और प्रगति के लिए दुनिया भर में पहचाना जाता है। लेकिन फिर भी अरब मुसलमानों द्वारा पहनी जाने वाली पगड़ी के कारण कुछ लोग हमें अरब मुसलमान समझ लेते हैं और कभी-कभी गलत पहचान के कारण हमें हमलों का सामना करना पड़ता है। जीके ने भावी पुलिस अधिकारियों को कृपाण, कड़ा, कंघा और केश का महत्व भी समझाया। इस अवसर पर जीके ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को पगड़ी बांधी। सांस्कृतिक विविधता पर जीके के व्याख्यान को नासाउ पुलिस रंगरूटों ने काफी सराहा।

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