सिखों को...

सिखों को मोहरा बनाने की कोशिश ना करें पश्चिमी देश : जीके

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। जत्थेदार संतोख सिंह की विरासत और सिख पंथ के उत्थान को समर्पित विशुद्ध धार्मिक पार्टी "जागो" का पांचवां स्थापना दिवस पर आज दल के पदाधिकारियों, समर्थकों तथा शुभचिंतकों के द्वारा गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, ग्रेटर कैलाश-1 पहाड़ी वाला में गुरबाणी कीर्तन श्रवण करके मनाया गया। स्त्री सत्संग जत्था तथा भाई बलबीर सिंह नागपुर वालों के रागी जत्थे ने इस मौके पर गुरबाणी का गायन किया। अरदास के बाद जागो के प्रधान महासचिव डॉ परमिंदर पाल सिंह ने मौजूद संगतों के सामने मनजीत सिंह जीके को अगले एक साल के लिए पुनः अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को संगतों के द्वारा जयकारों की गूंज में मंजूरी दी गई। पुनः अध्यक्ष निर्वाचित होने पर संगतों को संबोधित करते हुए जीके ने मौजूदा पंथक हालातों तथा भारत-कैनेडा विवाद पर खुलकर अपने विचार रखें।

इस अवसर पर "श्री गुरु सिंह सभा लहर" के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मौजूद लोगों के द्वारा मानव श्रृंखला बनाई गई। इस मानव श्रृंखला को बनाने का मुख्य उद्देश्य भारत के संविधान में आस्था रखते हुए देश की एकता और अखंडता की रक्षा तथा सामाजिक और आर्थिक विकास में सिखों द्वारा दिए गए योगदान से मीडिया को अवगत करवाना था। क्योंकि वर्तमान समय में देश में शांतिप्रिय व जिम्मेदार नागरिक के रूप में रह रहे सिखों के खिलाफ मीडिया के एक वर्ग द्वारा गैर जिम्मेदाराना एजेंडा चलाकर नफरत फैलाते हुए पंजाब के बाहर बसते सिखों की सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन गुरुद्वारा सिंह सभा, ग्रेटर कैलाश 1, पहाड़ी वाला की तरफ से दिल्ली के समस्त सिख संगठनों के सहयोग से किया गया।

जीके ने कहा कि जत्थेदार संतोख सिंह की विचारधारा पर चलते हुए हमेशा पंथ की आवाज उठाने में जागो पार्टी कभी पीछे नहीं रहीं। बिना किसी लालच के हर मुद्दे पर पंथ हित की बात करने की प्रेरणा हमें जत्थेदार संतोख सिंह से विरासत में मिली है। क्योंकि कौम की आवाज बन कर वो हमेशा कौम के मसलों को हल करवाते रहें थे। इसलिए हम गुरुद्वारा ग्रेटर कैलाश की तरफ से बनाई जा रहीं मानव श्रृंखला का समर्थन करते हैं। क्योंकि हमारा मानना है कि सिखों की 'दस्तार' को आतंकवाद तथा अलगाववादी बताकर इस समय पेश किया जा रहा है। जबकि आज अगर देश का तिरंगा झूल रहा है, तो वो इस दस्तार की कुर्बानियों की वजह से झूल रहा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश की आजादी में पंजाब तथा पंजाबियों ने जो अपना खून दिया, वो ही आजादी की सुखद हवा को लेकर आया था। बेशक इस मुल्क से हमें निकालने के लिए बड़ी साज़िशें हुई, पर यह मुल्क हमारा है। पर अफसोस, आज सिखों को मोहरा बनाकर कैनेडा से लड़ाई लड़ी जा रहीं हैं। जबकि गुरु नानक के घर से मानवता की सेवा करने वाले सिखों को मीडिया का एक वर्ग बिना सबूत के अलगाववादी और आतंकवादी बता रहा हैं।

पश्चिमी देश भारत को रूस तथा चीन से व्यापार करने से रोकने तथा भारत को नीचा दिखाने के मकसद से सिखों को मोहरा बनाकर इस्तेमाल करने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। पर यह भूल जाते है कि बड़ी-बड़ी शक्तियां सिखों को मोहरा बनाने की कोशिश में खुद खत्म हो गई थी। हमें हमारी सरकारों से लाख दिक्कत होगी, पर जब बात देश पर आएंगी, तो पहले हम देश के साथ खड़े होंगे। क्योंकि मुल्क का नुक़सान करने को सिख कभी तैयार नहीं होंगे। इस मौके दिल्ली की सिंह सभा गुरद्वारों के पदाधिकारी, गणमान्य सिखों सहित दिल्ली कमेटी सदस्य परमजीत सिंह राणा, सतनाम सिंह खीवा, महिंदर सिंह, पूर्व कमेटी सदस्य सतपाल सिंह, हरजिंदर सिंह, मंगल सिंह, हरजीत सिंह जीके सहित जागो के पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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