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63 दिनों से धरने पर बैठी रितु सिंह के लिए संगतों ने किया कीर्तन

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। जागो पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से मनगढ़ंत शिकायत के आधार पर नौकरी से बर्खास्त की गईं डॉ. रितु सिंह को अपना पूरा समर्थन देने की घोषणा की है। पिछले 28 अगस्त से दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट फैकल्टी के गेट नंबर 4 के बाहर अनशन पर बैठी डॉ. रितु सिंह के पास पहुंचे जीके ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिख प्रोफेसरों को नौकरी के लिए उपलब्ध हो रहें कम अवसरों पर चिंता व्यक्त की। इस मौके पर गुरबाणी कीर्तन के बाद संगतों ने अनशन स्थल पर अरदास की। स्टेज सचिव के रूप में बोलते हुए डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन तथा बंदी सिंघों की रिहाई के मोर्चों पर अपनी बेबाक राय से सबका ध्यान आकर्षित करने वाली डॉ. रितु सिंह वर्तमान में जातिवादी और फासीवादी ताकतों के खिलाफ बाखूबी लड़ाई लड़ रही हैं। वह गलत तरीके से अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तहत दिल्ली के दौलत राम कॉलेज के प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग कर रही है। एक ओर, दिल्ली के खालसा कॉलेजों में सिखों को मिलने वाले नौकरी के अवसर हमारे कमेटी प्रबंधकों के कुप्रबंधन और कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण खो गए हैं। दूसरी ओर, एक सिख परिवार की बेटी डॉ. रितु सिंह को गलत तरीके से नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इस मौके पर जीके, दिल्ली कमेटी सदस्य सतनाम सिंह खालसा, गुरुद्वारा सिंह सभा मोती नगर के अध्यक्ष रविंदर सिंह और महासचिव राजा सिंह ने डॉ. रितु सिंह को सिरोपा भेंट किया।

जीके ने कहा कि दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल सविता राय को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने छात्रों की फर्जी शिकायत के आधार पर डॉ. रितु सिंह को नौकरी से हटा दिया है। इसलिए दिल्ली पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। चूंकि डॉ. रितु सिंह ने हमेशा सिखों और पंजाब के पक्ष में खुलकर बातें की थी, जो कि शायद सरकार को पसंद नहीं आईं। इसलिए प्रिंसिपल ने यह अमान्य रास्ता चुनकर डॉ. रितु सिंह को चुप कराने की कोशिश की है। लेकिन मैं संगत को विश्वास दिलाता हूं कि जागो पार्टी दिल्ली विश्वविद्यालय में सरकारी नौकरियों में सिखों के साथ हो रहें अन्याय का पुरजोर विरोध करेंगी। इसलिए प्रिंसिपल की गिरफ्तारी और डॉ. रितु सिंह की नौकरी बहाल करवाना हमारी मुख्य मांगें है। डॉ. रितु सिंह ने सभी को धन्यवाद देते हुए दावा किया कि खालसा कॉलेजों की भर्ती प्रक्रिया में सिख उम्मीदवारों की उपेक्षा के पीछे दिल्ली विश्वविद्यालय का हुआ भगवाकरण मुख्य कारण है।

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