पीजीडीएवी कॉलेज...

नॉन कॉलेजिएट पीजीडीएवी कॉलेज ने मनाया वार्षिकोत्सव 

कुलवंत कौर, संवाददाता

राजधानी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीवेब) के पीजीडीएवी कॉलेज केन्द्र पर 'वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह-2023' का आयोजन किया। आयोजन कॉलेज परिसर के ऑडिटोरियम में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र कनखेड़िया, विशिष्ट अतिथि पीजीडीएवी कॉलेज पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती गरिमा गौड़, कॉलेज प्राचार्या प्रो. कृष्णा शर्मा, सेंटर के टीचर-इन-चार्ज डॉ. मनोज कुमार कैन आदि की गरिमामयी उपस्थित रही। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन, एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रस्तुतीकरण, सरस्वती वन्दना गायन एवं गणेश वंदना नृत्य प्रस्तुति से हुई। सभी अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं महात्मा बुद्ध का छायाचित्र प्रदान करके किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज केंद्र की छात्राओं के उस सामूहिक नृत्य की भी प्रस्तुति हुई, जिसने एनसीवेब द्वारा सभी 27 केन्द्रों के लिए आयोजित 'वार्षिक समारोह-2023' में सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।

श्री मनोज ने स्वागत भाषण एवं एनसीवेब-पीजीडीएवी कॉलेज केंद्र का वार्षिक प्रतिवेदन (एन्युअल रिपोर्ट) प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत 'भारत माता की जय' के उद्घोष के साथ की। उन्होंने कहा कि किसी के सर्वांगीण विकास का तात्पर्य उसका शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद जैसी सभी गतिविधियों में सक्रिय रहना है। प्राचार्या प्रो. कृष्णा शर्मा ने सभी छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित किया! छात्राओं से सदैव प्रगतिशील बने रहने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज-केंद्र की छात्राओं की मेहनत ही है जिससे हमारा सेंटर अनेक उपलब्धियां अर्जित करते हुए नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

पुस्तकालयाध्यक्ष गरिमा ने पुस्तकों का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए बताया कि पुस्तकें हमारे जीवन का निर्माण करती हैं। उन्होंने दयानंद सरस्वती को उद्धरित करते हुए कहा कि 'अज्ञानी होना बुरा नहीं है, अज्ञानी बने रहना बुरा है।' श्री कनखेड़िया ने  'वन्दे मातरम्' के उद्घोष से अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा कि  समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में मातृशक्ति का विशिष्ट योगदान है। इसी स्त्री शक्ति द्वारा दिखाए गए मार्ग से ही आदर्श राष्ट्र का निर्माण संभव है। 

कार्यक्रम में शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद गतिविधियों में स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। कार्यक्रम में छात्राओं एवं प्राध्यापकों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी प्रस्तुत की गई । केंद्र के उप-प्रभारी श्री रवि ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में 900 से अधिक छात्राएँ, प्राध्यापक एवं नॉन-टीचिंग स्टाफ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापिकाओं नीलाक्षी एवं शिवांगी सिंह ने किया।

वर्तमान में प्रो. गीता भट्ट इस बोर्ड की निदेशका हैं।गौरतलब है कि महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण को समर्पित एनसीवेब की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी। तब से लेकर आज तक बोर्ड ने नित नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। कोरोना काल में भी एनसीवेब ने उल्लेखनीय कार्य किया था।

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