नरसिंह चतुर्दशी...

हरे कृष्णा मंदिर में श्रद्धा के साथ मनाया गया नरसिंह चतुर्दशी

कुलवंत कौर, संवाददाता 

गुरुग्राम। गुरुग्राम सेक्टर 43 स्थित हरे कृष्णा मंदिर में गुरुवार को भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह का प्राकट्योत्सव नरसिंह चतुर्दशी के रूप में प्रत्येक साल की भांति इस बार भी हर्षोल्लास एवं श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया।

इस दौरान मंदिर के भक्तों ने वैदिक विधि से नरसिंह यज्ञ, हरीनाम संकीर्तन एवं महाआरती का आयोजन किया।

मंदिर में नरसिंह यज्ञ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया। इसमें दिल्ली-एनसीआर से आए भक्तों ने हरिनाम संकीर्तन में भाग लिया एवं महामंत्र की ध्वनि पर मंत्रमुग्ध होकर नृत्य किया। वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के उपाध्यक्ष भरतअर्ष दास ने प्रवचनों की अमृत वर्षा किए। उन्होंने कहा कि नरसिंह अवतार भगवान् का भक्तवत्सल अवतार है। भगवान् विष्णु ने दैत्य राज हिरण्यकश्यप से अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा हेतु नरसिंह अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भक्त को भक्त प्रहलाद के चरित्र से निरंतर हरिनाम संकीर्तन की प्रेरणा लेना चाहिये।

गौरतलब है कि नरसिंह भगवान , भगवान विष्णु के सबसे अधिक पूजित अवतारों में से एक थे जिन्होंने हिरण्यकश्यप को मारने के लिए पृथ्वी पर जन्म लिया। जिस दिन भगवान नरसिंह का अवतार हुआ था उसे नरसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। उनका धड़ एक मानव के समान था और चेहरा शेर के समान था। वैदिक शास्त्रों के अनुसार, नरसिंह बुराई पर अच्छाई की जीत और शक्ति का प्रतीक हैं। विभिन्न वैदिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान नरसिंह की महानता और नरसिंह जयंती के महत्व को चित्रित किया गया है।

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