सरकारी नगर कीर्तनों के बहाने, करोड़ों रुपये लूटने वाले मांग रहें हैं हिसाब : सरना
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष व दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका द्वारा सरदार जस्सा सिँह रामगढ़िया की तीसरी जन्म शताब्दी पर शिरोमणि कमेटी द्वारा तीन करोड़ के अवैध खर्च का आरोप लगाया गया है। जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरदार जस्सा सिंह रामगढ़िया के शताब्दी समारोह का पूरा कार्यक्रम शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और सरदार जस्सा सिंह रामगढ़िया फेडरेशन, जिसके अध्यक्ष सुखदेव सिंह रियात हैं, ने 50-55 लाख रुपये खर्च कर आयोजित किया था। उन्होंने कहा कि हरमीत सिंह कालका का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। जिसके चलते वे अब गुरमत आयोजनों बारे उलूल जुलूल बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन आयोजनों में दिल्ली की संगत ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और बानी और अपनी विरासत के साथ जुडी थी। लेकिन यह सरकार की झोली में बैठी हुई वह जुंडली है जो मौके पर बिकती है, और इन्होने सरकार की मदद से हमारे गुरुधामों के प्रबंधन पर कब्जा किया हुआ है। उनका कर्तव्य था इस तरह के आयोजन करना, लेकिन उन्होंने इस तरह के आयोजन के बजाय सरकार के संरक्षण में नगर कीर्तन का आयोजन किया, जिसे संगत ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें संगत को पूरा हिसाब देने में कोई झिझक नहीं है। लेकिन यह जुंडली उन सरकारी नगर कीर्तनों का बहाने, जिन्होंने करोड़ों रुपये लूटे हैं, यह अपना हिसाब कब देगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व में इस जुंडली द्वारा सरकार के सहयोग से आयोजित एक कार्यक्रम की लागत सरकार को साढ़े चार करोड़ बताई गई है। सरकार को इन सरकारी ठेकेदार से यह सवाल नहीं पूछना चाहिए कि अगर चार दिन के इन बड़े आयोजनों की कीमत 50.55 लाख ही है, तो एक दिन के सरकारी आयोजन के लिए 4.50 करोड़ शुद्ध धोखाधड़ी है, इसलिए अपने घोटालों पर पर्दा डालने के लिए ऐसा झूठा प्रचार प्रसार कर रहे हैं। लेकिन संगत को पता होना चाहिए कि वह ऐसे सरकारी झोली-चूको को जरूर सबक सिखाएगी।
सरना ने कहा कि यह जुंडली जो हर जगह अपनी पीठ पर सरकारी संरक्षण का समर्थन करती है। हरमीत कालके को गुरबाणी के इस प्रमाण को नहीं भूलना चाहिए कि "चोर की हामा भरे ना कोई"। जिसने गुरु के गोलक को चोरी और डकैती से लूटा है। उसके लिए सच्ची दरगाह में उनकी कोई आधिकारिक सरपरस्ती किसी काम की नहीं होगी।
सरना ने कहा कि दिल्ली का पूरा समुदाय इन आयोजनों का हिस्सा बनकर खुद को सौभाग्यशाली मान रहा है। लेकिन यह जुंडली अब गुरमत आयोजनों को फिजूलखर्ची बताकर नीचा दिखाने की मिसाल पेश कर रही है।
addComments
Post a Comment