खालसाई जाहो जलाल से निकला आलौकिक नगर कीर्तन
नई दिल्ली। महान सिख जरनैल जस्सा सिंह रामगढ़िया की तीसरी शताब्दी को समर्पित होकर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी, सः परमजीत सिंह सरना की रहनुमाई में शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई की समुची संगत द्वारा संयुक्त रुप से कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं जिसकी शुरुआत आज नगर कीर्तन फतेह मार्च से हुई। दिल्ली के गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब से गुरु ग्रन्थ साहिब की छत्रछाया एवं पांच प्यारां की अगुवाई में महान नगर कीर्तन आरंभ हुआ जो कि शंकर रोड, पटेल नगर, मोती नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर से होता हुआ देर शाम गुरुद्वारा छोटे साहिबजादे फतेह नगर में समाप्त हुआ।
शिरोमणी अकाली दल दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने बताया कि दिल्ली की संगतों में इस महान नगर कीर्तन के प्रति खासा उत्साह था जिसके चलते संगत ने बढ़चढ़ कर नगर कीर्तन का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि नगर कीर्तन में बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया के द्वारा औरंगजेेब के तख्त ए ताउज को उखाड़ कर ले जाते हुए एक झांकी लगाई गई थी जिसका मकसद देश के हर नागरिक को जानकारी देना था कि यह वही तख्ते ताउज था जिस पर बैठकर औरंगजेब बेगुनाहों की मौत का फरमान सुनाया करता। ताकि देश के हर नागरिक को जानकारी मिल सके कि कैसे जालिम औरंगजेब के उस तख्ते ताउज को सिख जरनैलों ने उखाड़ फेका और दिल्ली फतेह की।
सः परमजीत सिंह सरना ने कहा पिछले कई दिनों से उनकी पूरी टीम कार्यक्रमों की तैयारियों में लगी हुई थी जिसमें जस्सा सिंह रामगढ़िया शताब्दी कमेटी के चेयरमैन मनजीत सिंह जीके व उनके साथियों सहित रामगढ़िया बिरादरी के लोगों को भी भरपूर सहयोग मिला जिसके चलते कार्यक्रमों का सफल आयोजन हो सका। उन्होंने दिल्ली की संगत का भी आभार प्रकट किया जिन्होंने तपतपाती गर्मी की परवाह ना करते हुए ंपूरे उत्साह के साथ नगर कीर्तन में भाग लिया और उसका जगह जगह छबीले लंगर लगाकर स्वागत किया गया। उन्होंने बताया कि कल शाम को हरि नगर के खेल परिसर में कीर्तन समागम का आयोजन किया जायेगा और परसों खालसाई खेल निहंग जत्थेबंदीयों एवं सिख सूरमाओं के द्वारा खेले जायेंगे। 20 तारीख को सुबह नगर कीर्तन करनाल के रास्ते हरियाणा होता हुआ पंजाब की ओर कूच करेगा।
नगर कीर्तन में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अनेक सदस्य, रामगढ़िया बोर्ड की समुची टीम, आल इन्डिया रामगढ़िया फेडरेशन की टीम के साथ साथ बड़ी गिनती में संगतों ने हाजरी भरी।
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