अम्बेडकर जयंती...

‘द प्रॉब्लम ऑफ रुपी’के 100 वर्ष पूर्ण होने के साथ 132वां अम्बेडकर जयंती समारोह का आयोजन 

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। बाबासाहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने 1923 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की और क्लासिक कृति "द प्रॉब्लम ऑफ रुपी" को प्रकाशित किया, जिसे आज 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं। बाबासाहेब के सामाजिक और आर्थिक दर्शन को भारत सरकार द्वारा G-20 की  अध्यक्षता से जोड़ते हुए, प्रो. संजय रॉय के निदेशन प्रो. युक्ति शर्मा के सह निदेशन में इंस्टिट्यूट ऑफ़ लाइफ लॉन्ग लर्निंग (ILLL) ने बाबासाहेब भीम राव अम्बेडकर की 132 वीं जयंती समारोह का सफल आयोजन 24 अप्रैल 2023 को ILLL के सभागार में संपन्न किया।  इस समारोह में ILLL द्वारा आयोजित 'अकादमिक लेखन कार्यक्रम' का समापन सत्र भी रखा गया और प्रशिक्षण देने वाले शिक्षकों और प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गए।

इस समारोह के मुख्य अतिथि राज्य सभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा; सम्मानित अतिथि प्रो. धनंजय जोशी, कुलपति, देल्ही टीचर्स यूनिवर्सिटी; विशिष्ट अतिथि प्रो. बलराम पाणी, डीन कालेजेज, दिल्ली विश्वविद्यालय; तथा समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो. पंकज अरोरा, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर, दिल्ली विश्वविद्यालय की गरिमामय उपस्थिति रही। इस समारोह के संयोजक डॉ. संजीव कुमार और सह संयोजक प्रो. सीमा कौशिक शर्मा के साथ ILLL के सभी फेलो तथा मंच संचालक डॉ. पूजा आनंद का सामूहिक योगदान रहा।

मुख्य अतिथि प्रो. राकेश सिन्हा ने अम्बेडकर के जीवन और दर्शन को नए नजरिये से प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं के बीच उनके दर्शन को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अम्बेडकर के जीवन और दर्शन को समय और काल से परे बताते हुए राष्ट्र निर्माण की सारगर्भिता पर प्रकाश डाल, सामूहिक भागीदारी और योगदान के लिए भी प्रेरित किया। सम्मानित अतिथि प्रो. धनंजय जोशी ने यह बताया कि किस प्रकार बाबासाहेब के दर्शन से प्रेरित होकर नई शिक्षा नीति ने सर्व समावेशी समरसता को बढ़ावा दिया है। अन्य अतिथियों ने बाबासाहेब के विचारों की प्रासंगिकता प्रकट करते हुए उनके दर्शन को आत्मसात करने पर बल दिया।

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