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प्राइमरी से हायर एजुकेशन तक रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर दिया जोर :  प्रो. सीताराम

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर टी. जी. सीताराम ने भारत में एज्युकेशन सिस्टम को डिवेलपमेंट से जोड़ने स्टेक हॉल्डर को एक साथ आने की जरूरत पर बल दिया है। वे यहां  इनोवेटिव एजुकेशन प्रोवाइडर एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ द्वारा आयोजित इंडस्ट्री 4.0 इंडिया कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन मौके पर बोल रहे थे। प्रोफेसर सीताराम ने कहा कि प्राइमरी शिक्षा से ही एज्युकेशन को भारत की स्किल जरूरत को पूरा करने के लिए एक पटरी पर लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्किल एज्युकेशन जरूरी है।नई शिक्षा नीति को  रोजगारोन्मुखी शिक्षा से युवाओं के सामने रोजगार की समस्या नहीं रहेगी, वह अपने हुनर के साथ आगे बढ़ सकेंगे।

प्रोफेसर सीताराम ने कहा कि कई संस्थान इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं कि स्टूडेंट्स को स्किल एज्युकेशन ऑनलाइन कोर्सों के जरिये दी जाए। वे सरकार के सहयोग से और अपने स्तर पर स्किलिंग के एजेंडे को आगे भी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा सम्मेलन का मकसद तभी पूरा होगा, जब उद्योगों को स्किल् की जरूरत के हिसाब से स्किल्ड युवा दे सकें। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई का पहला लक्ष्य भाषा बाधा को खत्म कर छात्रों को उनकी मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा देना है। एआईसीटीई ने हाल ही में ग्रामीण युवाओं के लिए इंटर्नशिप पोर्टल लॉन्च किया है। अब तक 2.7 करोड़ युवा पंजीयन करा चुके हैं। 85 कॉलेजों ने नामांकन कराया है और 75000 कंपनियों ने इस पोर्टल के जरिये इंटर्न नियुक्त करने में रुचि दिखाई है। ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई के प्लेटफॉर्म को 47 देशों में 1.5 लाख यूजर्स ने डाउनलोड किया है।

एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ के सह-संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. मनीष मल्होत्रा ने कहा कि "आई4आईसी 2023" सम्मेलन स्टेक हॉल्डर और  इंडस्ट्री को एक साथ चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा का प्लेटफार्म है। सम्मेलन भविष्य के हिसाब से भारत में स्किल डिवेलपमेंट का प्लान करने में अहम होगा।आई4आईसी 2023 के विशेष अतिथि, प्रोफ़ेसर डंकन बेंटले, वाइस चांसलर और अध्यक्ष फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि  आस्ट्रेलिया में न केवल स्किल और ट्रेनिंग फोकस किया गया है, बल्कि  री-स्किलिंग और रिटेनिंग पर भी ध्यान दिया गया है, ताकि उद्योगों की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। विशिष्ट अतिथि, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सलाहकार डॉ संदीप सिंह कौरा ने भी अपने विचार रखे।


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