जागरुकता अभियान...

किडनी को रखें कैसे स्वस्थ जेपी हॉस्पिटल ने आयोजित किया जागरुकता अभियान

कुलवंत कौर 

नोएडा। जेपी हॉस्पिटल ने आम जनता को किडनी के स्वास्थ्य के बारे में जागरुक बनाने और किडनी रोगों की रोकथाम के उद्देश्य से 28 मार्च 2023 को एक जागरुकता सत्र का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान किडनी रोगों के कारणों, लक्षणों एवं इनकी रोकथाम के उपायों पर रोशनी डाली गई। लोगों को बताया गया कि वे किस तरह अपनी किडनी के स्वास्थ्य के बनाए रख सकते हैं। किडनी रोगों के जल्द निदान एवं उपचार के बारे में जागरुकता बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य था, ताकि किडनी रोग आगे बढ़कर  क्रोनिक या जानलेवा न बन जाए।

सत्र के दौरान इन विशेषज्ञों ने की स्वास्थ्य पर चर्चा की जिसमें हॉस्पिटल से डॉ. अमित के देवरा, डायरेक्टर, को-ऑर्डिनेटर, किडनी ट्रांसप्लान्ट प्रोग्राम, डिपार्टमेन्ट ऑफ यूरोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट, डॉ. अनिल प्रसाद भट्ट, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ नेफ्रोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट, डॉ. विजय कुमार सिन्हा, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ नेफ्रोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट ,डॉ. लोक प्रकाश चौधरी, सीनियर कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट ऑफ यूरोलोजी एण्ड रीनल ट्रांसप्लान्ट, डॉ. स्वप्निल यशवंत गजवे, कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट ऑफ नेफ्रोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट, डॉ रवि कुमार सिंह, कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट ऑफ नेफ्रोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट कई किडनी मरीज और डोनर्स भी उपस्थित रहे।

किडनी की सुरक्षा एवं किडनी ट्रांसप्लान्ट के बारे में बात करते हुए डॉ अमित के देवरा, डायरेक्टर, को-ऑर्डिनेटर, किडनी ट्रांसप्लान्ट प्रोग्राम, डिपार्टमेन्ट ऑफ यूरोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट ने कहा, ‘‘भारत में किडनी रोगों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में किडनी रोगों की रोकथाम एवं प्रबन्धन के बारे में जागरुकता बढ़ाना बहुत ज़रूरी है। किडनी ट्रांसप्लान्ट कई दशकों से क्रोनिक किडनी रोगों के इलाज के लिए सुरक्षित एवं प्रभावी प्रक्रिया है, जिसमें सफलता की दर अधिक होती है और जटिलताओं की संभावना बहुत कम होती है। ट्रांसप्लान्ट से पहले मरीज़ की विस्तृत जांच की जाती है, ताकि यह तय किया जा सके कि मरीज़ में सर्जरी की जा सकती है और साथ ही कम्पेटिबल डोनर का मैच भी ढूंढा जा सके। जेपी हॉस्पिटल में यह प्रक्रिया प्रशिक्षित एवं अनुभवी सर्जनों की टीम के द्वारा आधुनिक चिकित्सा उपकरणों एवं तकनीकों की मदद से की जाती है। सर्जरी के बाद उचित देखभाल एवं दवाओं से ज़्यादातर मरीज़ ठीक हो जाते हैं, और अच्छी गुणवत्ता का जीवन जीते हुए अपनी सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि नेशनल किडनी फाउन्डेशन के मुताबिक दुनिया भर में 850 मिलियन से अधिक लोग किडनी रोगों से पीड़ित हैं, जेंपी हॉस्पिटल ने अभी तक 800 किडनी का सफल ट्रांसप्लांट किया है। भारत में एक अनुमान के अनुसार, तकरीबन 17 फीसदी आबादी क्रोनिक किडनी रोगों का शिकार है। किडनी रोगों के मुख्य कारण हैं हाई ब्लड प्रेशर यानि उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ और मोटापा। अवैध किडनी ट्रांसप्लांट नुकसान दायक हो सकता है। ट्रांसप्लान्ट के बाद की सावधानियों के बारे में बात करते हुए डॉ अनिल प्रसाद भट्ट, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ नेफ्रोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट ने विस्तार से बताया , प्रत्यारोपण के बाद कुछ ज़रूरी ऐहतियात बरतने होते हैं, ताकि मरीज़ को इन्फेक्शन से बचाया जा सके और शरीर नए अंग को रिजेक्ट न करे संतुलित आहार लेना,नियमित व्यायाम,भी करना चाहिए।

‘‘किडनी ट्रांसप्लान्ट प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए जेपी हॉस्पिटल नोएडा किडनी डोनर की सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान देता है। ’ डॉ विजय कुमार सिन्हा, डायरेक्टर, डिपार्टमेन्ट ऑफ नेफ्रोलोजी एण्ड किडनी ट्रांसप्लान्ट,ने भी विचार रखे, जेपी हॉस्पिटल किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि किडनी रोगों के मरीज़ उच्च गुणवत्ता का जीवन जी सकें। अस्पताल में किडनी रोगों के निदान और उपचार के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं हैं जैसे डायलिसिस, किडनी ट्रांसप्लान्ट।

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