कोर्ट के फैसले को माने...

भाजपा और आम आदमी पार्टी आपसी मतभेद भुलाकर कोर्ट के फैसले को माने : अनिल चौधरी

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि महापौर द्वारा दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के सदस्यों का दोबारा चुनाव कराने के आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद भाजपा और आम आदमी पार्टी कोर्ट के फैसले को सर्वोपरि मानकर निगम में सदन की कार्यवाही को आगे चलाए और दिल्ली की जनता के हित में काम करें। स्थायी समिति के चुनाव में तीन-तीन सदस्य भाजपा और आम आदमी पार्टी के चुने गए हैं, जिसको दोनों ही दल नही मान रहे और एक बार फिर सदन में मारपीट व गुंडागर्दी इनके पार्षदों द्वारा की गई।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि जब से दिल्ली नगर निगम चुनाव का परिणाम सामने आए हैं, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने निगम सदन में ऐसा कोई दिन नही बीता जब मारपीट व गाली गलोच करके इन्होंने सदन की गरिमा को कलंकित नही किया हो। महापौर चुनाव के बाद लगातार तीन दिन में भी स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव नही हो पाना लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं का उलंघन है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के जनता द्वारा निर्वाचित पार्षदों ने दिल्ली नगर निगम में सदन को शर्मसार कर दिया, जिसे दिल्ली की जनता अच्छी तरह देख रही है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षद आपसी मतभेद भुलाकर कोर्ट के फैसले को माने ताकि दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों पर काम शुरु हो सके। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि जब निगम चुनाव होने के 3 महीने बाद भी सदन की कार्यवाही शुरु नही हो सकी हो। जबकि अभी स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की सुचारु रुप से घोषणा के बाद वार्ड समितियों का गठन भी होना है। भाजपा और आम आदमी पार्टी अपने केन्द्रीय नेतृत्व के दिशा निर्देशों पर ऐसे ही मारपीट करते रहे तो मेयर का यह सबसे छोटा कार्यकाल रहेगा और दिल्ली में सफाई व्यवस्था से लेकर सड़कों व कर्मचारियों की समस्या जस के तस बनी रहेगी।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम सदन में भाजपा और आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद अगर अनुशासित व मर्यादित रहकर सदन की कार्यवाही चलने देंगे तो चुनाव उपरांत होने वाले सभी प्रक्रियाएं सुचारु रुप से हो सकेंगी। परंतु अभी भाजपा और केजरीवाल के पार्षदों ने सभ्यता और शालीनता का परिचय नही दिया है और सदन की हर दिन की कार्यवाही में गुंडागर्दी करके दिल्ली की जनता से मिले बहुमत का अपमान किया है।

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