मधुरस साहित्य...

मधुरस साहित्य समागम का आयोजन एवम पुस्तक विमोचन

कुलवंत कौर, संवाददाता 

राजधानी दिल्ली। नई दिल्ली के हिन्दी भवन में वी एल मीडिया सॉल्यूशंस द्वारा ‘मधुरस’ का आयोजन किया गया। चार सत्रों में विभक्त कार्यक्रम में साहित्य और समाज पर चर्चा के अलावा तीन पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीर टिकेंद्रजीत विश्वविद्यालय मणिपुर के कुलाधिपति प्रो. बीएन मिश्रा ने की। प्रकाशक एवं आयोजक नित्यानंद तिवारी ने कहा कि “मधुरस साहित्य एवं समाज पर स्वस्थ चर्चा की एक श्रृंख्ला हैं जिसके माध्यम से साहित्य एवं समाज के आरोहो-अवरोहो पर नए विचारों का स्वागत किया जाएगा”। 

प्रथम सत्र ‘साहित्य में प्रेम और प्रेम में साहित्य’ विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका डॉ. आमना मिर्जा,  डॉ. अनुराध गोस्वामी,  दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. राजीव रंजन द्विवेदी एवं आजतक न्युज चैनल के संवाददाता राम किनकर सिंह ने अपने विचार रखे।

द्वितीय सत्र में त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. गुरविंदर बांगा की पुस्तक ‘पत्थरों पर इबारत’ के विमोचन में बोलते हुए बताया कि कभी न मिटने वाली वो लकीरे है,जैसे किताब फाड़ दो, लेकिन इबारत मिटती नही, आजतक न्युज चैनल के प्रसिद्ध एंकर सईद अंसारी ने पुस्तक को समसामायिक बताते हुए कहा “लेखक की रचनाएँ हमें समाचारों के तह तक जानें को उद्वेलित करती हैं”। कमलेश भट्ट, गज़ल़कार सरवत जमाल, व्यंगकार प्रेमजनमेजय भी शामिल हुए।

तृतीय सत्र में सरोजनी नायडू स्त्री अध्ययन केंद्र, जामिया मिलिया इस्लामिया की निदेशक डॉ. सबिहा हुसैन की पुस्तक ‘अनहर्ड मिड लाइफ’ का विमोचन हुआ जिसमें कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानविकी विभाग के पूर्व डीन प्रो. जी. एम. भट्ट, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव प्रोफेसर राजीव कुमार एवं डी. टी. यू के अंग्रेजी प्राध्यापक डॉ. राजीव रंजन द्विवेदी ने अपने विचार व्यक्त किए।

चतुर्थ सत्र में सुविख्यात कवियत्री अनुराध पाण्डेय की पुस्तक ‘वरेण्यम्’ का विमोचन हुआ। इसमें वरिष्ठ साहित्यकार अमरनाथ, राकेश मिश्रा, एवं राजीव रंजन द्विवेदी वक्ता रहे। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के पत्राकारिता के प्राध्यापक उमेश पाठक ने बखूबी निभाया। कार्यक्रम में रवी रॉय, सुलतान भारती, डॉ रश्मि गंगवानी,  मयंक राजेश, संदीप तोमर, विनय सक्सेना, फैंज़ गाजीपुरी,  प्रोफेसर एजाज, विनय विक्रम सिंह, डॉ. रितेश जैसे अन्य लोग भी शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन ‘मधुरस’ का स्मृति चिन्ह देकर हुआ।

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