बीडी इंडिया...

युवाओं को आत्मनिर्भर बना रहा बीडी इंडिया और होप फाउंडेशन 

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। युवाओं के कौशल को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेक्टन डिकिंसन (बीडी) इंडिया लगातार प्रयासरत है। इसके लिए बीडी इंडिया ने होप फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। भारत सरकार के कौशल विकास मिशन के साथ मिलकर बीडी इंडिया और होप फाउंडेशन, युवाओं में टैली और नर्सिंग असिस्टेंट के कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसी के तहत, पूर्वी दिल्ली में होप फाउंडेशन के बीडी विलेज के 17वें बैच के 50 स्टूडेंट्स को पाठ्यक्रम पूरा होने पर सर्टिफिकेट दिए गए। इन स्टूडेंट्स को तीन महीने के दौरान नर्सिंग असिस्टेंट और टैली ऑपरेटर का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण परियोजना के कार्यान्वयन भागीदार होप फाउंडेशन की फैकल्टी की ओर से दिया गया। नर्सिंग असिस्टेंट के स्टूडेंट्स को छह महीने का ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण भी दिया गया और इसमें उनका मूल्यांकन तीसरे पक्ष के संगठन आईडी टेक फाउंडेशन, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के एक भागीदार की ओर से किया गया।

इस पहल को लेकर बीडी इंडिया के दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक अतुल ग्रोवर ने कहा, “हमारा मकसद स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी लाना है। हमने इसके लिए होप फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। एक वैश्विक कॉर्पोरेट सामाजिक नागरिक के तौर पर, हमें युवाओं के लिए एक बेहतर कल बनाने पर गर्व है।” वहीं, होप फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक इयान कोरिया ने कहा, “लगभग 1 करोड़ रुपये के निवेश से 1,370 स्टूडेंट्स के लिए आय में अब तक 10 गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई। हम बीडी को एक भागीदार के तौर पर पाकर बेहद खुश हैं, जो युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए उनमें कौशल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

यहां यह बात गौर करने लायक है कि होप फाउंडेशन के एक हालिया विश्लेषण में पाया गया है कि लगभग 90 प्रतिशत स्टूडेंट्स प्लेसमेंट पाने के एक साल बाद भी उसी संगठन से जुड़े रहे और इस दौरान उनकी आय में 1.5 गुना की बढ़ोतरी हुई। युवाओं में कौशल विकास को लेकर बीडी और होप फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए, एक छात्र अरमान ने कहा, “एक पेंटर के तौर पर मेरे पिता की आय परिवार के सात सदस्यों की जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं थी। लेकिन कौशल विकास के नए प्रशिक्षण से आज 20 साल की उम्र में मैं अपने परिवार की आय में योगदान देने के साथ-साथ अपने भाई-बहन की बुनियादी शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने में भी सक्षम हूं।”

यहां गौर हो कि प्रोजेक्ट होप की ओर से दो पाठ्यक्रम कराए जाते हैं- नर्सिंग असिस्टेंट और टैली प्रशिक्षण। ये दोनों कोर्स तीन-तीन महीने के होते हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स का 10वीं पास होना जरूरी है। साथ ही, बिना शुल्क के प्रशिक्षण के लिए जरूरी है कि अभ्यर्थी की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से होने को लेकर प्रमाण-पत्र दिए जाएं। दोनों पाठ्यक्रमों के लिए प्रायोगिक सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। नर्सिंग असिस्टेंट के स्टूडेंट्स को प्रतिष्ठित सार्वजनिक या निजी अस्पतालों में छह महीने के लिए अतिरिक्त ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण भी दिया जाता है। स्टूडेंट्स को अंग्रेजी बोलने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है।

यह परियोजना 2018 में शुरू की गई थी, जिसके तहत अब तक सामाजिक, आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के 1,370 से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इस परियोजना के तहत प्रशिक्षण हासिल करने वाले 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों को रोजगार मिला है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।

बीडी-इंडिया के बारे में

बीडी दुनिया की सबसे बड़ी वैश्विक चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है, जो चिकित्सा खोज, निदान और बेहतर देखभाल के क्षेत्र में लगातार योगदान दे रही है। बीडी, ग्राहकों को कम लागत में बेहतर नतीजे पाने, कौशल बढ़ाने, सुरक्षा में सुधार और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल हासिल करने में मदद करता है।

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