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सिख लड़कियों को बोर्ड परीक्षा के दौरान कृपाण धारण करने से रोकने का मामला सुलझा

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित विशाल भारती पब्लिक स्कूल में सीबीएसई द्वारा आयोजित 10वीं कक्षा की अंग्रेजी विषय की परीक्षा के दौरान 3 अमृतधारी छात्राओं की कृपाण उतारे जाने का मामला सुलझ गया है। सोशल मीडिया पर एक लड़की के माता-पिता का इस घटनाक्रम संबंधी वीडियो वायरल होने के बाद अपनी टीम के साथ स्कूल पहुंचे जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि सिखों को किसी भी नियम के तहत कृपाण पहनने से नहीं रोका जा सकता। जिसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल रचना जैन ने माना कि हमें इस बारे में गलतफहमी हुई थी।

जीके ने प्रिंसिपल से पूछा कि क्या आपका या सीबीएसई का कोई नियम संविधान की मूल भावना का दमन कर सकता हैं ? क्या आपने संविधान पढ़ा है? संविधान का अनुच्छेद 25 सिखों को कृपाण धारण करने की अनुमति देता है। इसीलिए सिख घरेलू उड़ानों के दौरान कृपाण पहनते हैं। आप अमृतधारी लड़कियों को कृपाण उतारने के लिए कैसे कह सकते हैं ? जब मैं दिल्ली कमेटी का अध्यक्ष था, तब हम 2018 में नीट परीक्षा के दौरान किसी धातु की वस्तु की आड़ में सिख बच्चों को कड़ा तथा कृपाण धारण करने पर रोक लगाने के संदेह को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट गए थे। तब हाईकोर्ट ने माना था कि सिख बच्चों को ककार धारण करने का संविधान से मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। इससे पहले शुक्रवार को सफदरजंग एन्क्लेव के एक पब्लिक स्कूल में भी ऐसा हुआ था।जिसका सिख संगठनों ने विरोध भी किया, जिसके बाद स्कूल ने अपनी गलती लिखित में मानी थी।

प्रिंसिपल ने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हम अपने स्कूल में वैसाखी और गुरुपर्व मनाते हैं। यह सब गलतफहमी के कारण हुआ है। सीबीएसई के उच्चाधिकारियों से इस बारे में पूछने के बाद हमने उम्मीदवारों को कृपाण पहनने की अनुमति दे दी है। प्रिंसिपल ने जीके को लिखित स्पष्टीकरण देते हुए भरोसा दिलाया कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी। इस मौके पर पीड़ित बच्चियों के माता-पिता ने जीके को उनके साथ आकर खड़े होने के लिए धन्यवाद दिया। दिल्ली कमेटी के सदस्य सतनाम सिंह, जागो पार्टी के मुख्य महासचिव डॉ. परमिंदर पाल सिंह, जागो पार्टी के नेता सुखमन सिंह साहनी, मनजीत सिंह ख्याला, रविंदर सिंह बिट्टू, सतनाम सिंह कोहली, प्रभदीप सिंह और ओंकारजोत सिंह आदि मौजूद थे।

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