सफलता की कुंजी...

स्वयं को निरन्तर मजबूत करते रहना ही है सफलता की कुंजी : डॉ. सुरेन्द्र कुमार

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉन-कॉलेजिएट वुमेन्स एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) के पीजीडीएवी कॉलेज केंद्र पर सांस्कृतिक समारोह 'सरगम-2023' का आयोजन किया गया। यह आयोजन दो सत्रों में हुआ। इसमें कुल 21 प्रतियोगिताओं -रंगोली, मिमिक्री, कार्ड मेकिंग, सुडोकू, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट, फायरलेस कुकिंग, कविता-पाठ, मेहंदी, पोस्टर निर्माण, स्केचिंग, फोटोग्राफी, प्रश्नोत्तरी, डेकोरेशन, आशु भाषण, वाद-विवाद, नुक्कड़ नाटक, रैम्प-वॉक, एकल गायन, सामूहिक गायन, एकल नृत्य एवं सामूहिक नृत्य- का आयोजन हुआ। प्रत्येक प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ तीन छात्राओं को विजेता घोषित किया गया।

दूसरे सत्र में कॉलेज के सभागार में द्वीप प्रज्ज्वलन,  एवं गणेश वंदना से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई।अतिथियों का शॉल, पौधा एवं बुद्ध की प्रतिमा देकर  स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एनसीवेब के उप-निदेशक डॉ.सुरेन्द्र कुमार तथा  एबीवीएसएमई जेएनयू के डीन प्रो. अरविन्द कुमार जी का उद्बोधन प्राप्त हुआ।

केंद्र के प्रभारी डॉ.मनोज कुमार कैन ने स्वागत वक्तव्य में माँ सरस्वती को नमन करते हुए सांस्कृतिक महोत्सव का अर्थ स्पष्ट किया। आगे उन्होंने कॉलेज प्राचार्या डॉ. कृष्णा शर्मा एवं एनसीवेब निदेशिका डॉ. गीता भट्ट को प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि इनके कुशल मार्गदर्शन से ही कॉलेज एवं एनसीवेब निरंतर नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष, डीयू अपनी स्थापना के 100 वर्ष और पीजीडीएवी कॉलेज महर्षि दयानंद सरस्वती का 200वाँ जन्मदिवस मना रहा है। उन्होंने बच्चों को राष्ट्र की अनोखी धरोहर बताते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए इनका जागरूक और अनुशासित होना अति आवश्यक है।

उप निदेशक डॉ सुरेन्द्र कुमार ने कार्यक्रम के ऐतिहासिक समय में आयोजित होने पर सभी को बधाई दी।  उन्होंने एनसीवेब के बारे में कहा कि वर्ष 1944 में मात्र तीन छात्राओं से प्रारंभ हुआ यह बोर्ड आज लगभग 33000 छात्राओं को शिक्षा प्रदान कर रहा है। उन्होंने वर्ष 2021 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 48वाँ स्थान प्राप्त करने वाली एनसीवेब की पूर्व छात्रा आयुषी डबास (दृष्टिबाधित) को संपूर्ण शिक्षा जगत के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी छात्राओं से आव्हान किया कि वे स्वयं को और अधिक मजबूत करते हुए अपनी क्षमताओं का विकास करें, यही सफलता की कुंजी है। उन्होंने पीजीडीएवी एनसीवेब सेंटर के विश्वविद्यालय स्तर पर किए गए शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शन की भी प्रशंसा की।

प्रो अरविंद कुमार जी ने संस्कृति को मानव समाज का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ मनुष्य के जीवन को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। इन तत्त्वों के बिना मनुष्य का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। उन्होंने महिलाओं की भूमिका, योग्यता एवं योगदान को रेखांकित करते हुए संपूर्ण ब्रह्मांड के विकास में उनके योगदान को आवश्यक  बताया। उन्होंने भारतीय पुरातन मूल्यों में महिलाओं की सम्मानजनक स्थिति को भी अपने वक्तव्य में प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापिका नेहा किरार ने किया। कार्यक्रम में प्राध्यापक  सौरभ कुमार ,उमा देवी,  हिमांशु, अभिनव,अपर्णा, अनन्या, प्रीति झा,आंचल जैन, संगीता,दिव्या गौयल ,नीलम,तब्बसुम निगार,शाबाना, पूजा रानी ,श्वेता वत्स, कमलेश , शिवांगी, करिश्मा, हरीश चन्द्रा ,मेहरबान , पूजा गौर, पूजा तिवारी,हनीत कौर, उपस्थित रहें ! डॉ. संदीप रंजन ने सभी का धन्यवाद किया । कार्यक्रम में 800 से अधिक छात्राएँ, प्राध्यापक एवं नॉन-टीचिंग स्टाफ उपस्थित रहे।

Comments
Kirti Thakur said…
It's a very good college, it provides us more opportunities...... And they conduct lot of fests in this college 🥰