उर्दू अकादमी...

दिल्ली सरकार ने नही की उर्दू अकादमी में कई वर्षो से भर्ती

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तभी से एकेडमी में कोई रेगुलर भर्ती नहीं हुई , दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने खुले मंचों से वादा किया था अभी तक के सभी संविदा कर्मचारियों को रेगुलर किए जायेंगे, किंतु तीसरी बार सत्ता में आकर भी उर्दू अकैडमी दिल्ली में कोई रेगुलर भर्ती नहीं हो रही। एकेडमी के अधिकतर रिक्त पद है, नाम मात्र ठेका कर्मचारियों का वेतन दिहाड़ी मजदूरों से भी कम है और नियुक्तियों की नियमावली और  नियमों का खुला उल्लंघन तो हो रहा है, वही दिल्ली सरकार के वेतन नियमो का भी खुला उल्लंघन हो रहा है ।

उर्दू अकैडमी में डेपुटेशन पर आए वरिष्ट अधिकारी कुलभूषण अरोरा अकाउंटेंट के पद पर होने के बाद उनका हर प्रशासनिक विभागो में दबदबा कायम है। लगता है उनको उर्दू अकैडमी में उर्दू के शोषण और बजट के दुरुपयोग के लिए भेजा गया है। ज्ञात हो कि विभाग में उर्दू जानने वाले को ही प्राथमिकता दी जाती है लेकिन उनको  उर्दू का जरा भी ज्ञान नहीं। जब ऐसे व्यक्तियों को उर्दू के विकास की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी तो उर्दू के विकास का सपना तो दूर, अलबत्ता विनाश तय है। शायद यही आम आदमी पार्टी की नीति है जिसे चाटुकार स्टाफ  उर्दू अकैडमी में  नियम कानून तक पर रख राज कर रहे है ।

सूत्र बताते हैं कि गत कई वर्षों में उर्दू एकेडमी की गवर्निंग काउंसिल में भर्तियों और बजट के दुरुपयोग पर किसी भी साहसी सदस्य ने कोई चर्चा नहीं की, प्राइमरी के पूर्व अध्यापक मास्टर फरियाद घुसयवी जैसे लोग वर्षों से अकादमी को घुन की तरह कुतर रहे हैं, इस तरह के लोगों के पीछे कौन लोग हैं और क्यों ? एकेडमी के जिम्मेदारान अच्छी तरह  से अवगत हैं ।

उर्दू , हिंदी टाइपिस्ट की पदोन्नति के लिए उनके कैडरों को चेंज करना और उर्दू एकेडमी के उर्दू अनुवादको की पोस्टों को समाप्त करना तथा चाटुकारों की चुप्पी उर्दू एकेडमी में उर्दू के भविष्य को दर्शाता है।चर्चा है कि हारून व पूनम जी का कैडर चेंज करके इनको एरियर के रूप में कितना लाभ पहुंचाया जा रहा है, इसमें किस-किस की भागीदारी थी ? यह उच्च स्तरीय जांच से स्पष्ट होगा । 

विज्ञापनों मैं एकेडमी के बजट के दुरुपयोग में कुलभूषण अरोड़ा कितने भागीदार हैं ? और किस अप्रूवल , किसके इशारे पर चोर दरवाजे से एकेडमी का बजट दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर खर्च किया जा रहा है, उर्दू अकैडमी में भी इस पर चर्चा हो रही है , नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर एकेडमी के एक व्यक्ति ने बताया की इन घोटालों और अनियमितताओं के लिए अधिकारी कुलभूषण अरोड़ा न केवल जिम्मेदार हैं बल्कि उर्दू को नेस्तनाबूद करने, वित्तीय लाभ भी लिया जा रहा है जो जांच का विषय हो सकता है।

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