नेताओं को नसीहत...

सुखविंदर सिंह बब्बर की पूर्व अकाली नेताओं को नसीहत

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सुखविंदर सिंह बब्बर ने ऐसे पूर्व अकाली नेताओं को नसीहत दी है कि वे अपनी पीढ़ी के अधीन लाठी पलटें, जो जीवन भर शिरोमणि अकाली दल से मान-सम्मान लेते थे, लेकिन अब इशारों पर सवाल उठा रहे हैं। विरोधियों के वे अकाली दल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। श्री बब्बर ने कहा कि पूर्व राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा जो लंबे समय तक चुनाव हारने के बावजूद पार्टी में सम्मान हासिल करते रहे, यहां तक ​​कि पार्टी के आशीर्वाद से एक बार देश के केंद्रीय मंत्री भी बने। लेकिन अब विरोधियों के इशारे पर दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका व अन्य शहीदों के संगठन शोरमणि अकाली दल के बारे में झूठा प्रचार करने में लगे हैं।

बब्बर ने कहा कि श्री ढींडसा को सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए कि जब पार्टी ने उन्हें हर बार चुनाव हारने के बावजूद बड़े पदों की जिम्मेदारी दी  तो ढींडसा को पार्टी में खामियां क्यों नहीं दिखीं। बब्बर ने कहा कि इसी तरह कुछ समय पहले तक अपने सार्वजनिक भाषणों में शिरोमणि अकाली दल का पक्ष लेने वाले हरमीत सिंह कालका भी राजनीतिक लाभ के लिए पार्टी पर उंगली उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कालका को याद रखना चाहिए कि पार्टी ने ही उन्हें दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष पद, एमएलए का टिकट और उनकी पत्नी को पार्षद बनाकर / विधायक और पार्षद बनाया था।

उन्होंने कहा कि ये सभी नेता पार्टी के एहसानों को भूल कर पार्टी की पीठ में छुरा घोंप रहे हैं. बब्बर ने कहा कि ये लोग अपने निजी राजनीतिक फायदे के लिए शहीदों के संगठन को कमजोर करने की कोशिश करने से बाज नहीं आ रहे हैं, बल्कि इनके सारे मंसूबे बुरी तरह विफल हो जाएंगे।

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