सूर्या फाउण्डेशन...

सूर्या फाउण्डेशन के शिक्षा विभाग द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया 

कुलवंत कौर, संवाददाता

नई दिल्ली। पश्चिम विहार, नई दिल्ली में सूर्या फाउण्डेशन के शिक्षा विभाग द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में मुख्य वक्ता प्रो. जगवीर सिंह, सदस्य (राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020), कुलाधिपति (पंजाब सेंट्रल यूनिवर्सिटी), साहित्य रत्न से सम्मानित - 2022 (पंजाब विश्वविद्यालय), सूर्या फाउण्डेशन के अधिकृत कार्यकर्ता तथा अलग-अलग संस्थाओं से आये शिक्षाविद और प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 पर प्रकाश डालते हए कहा कि यह नीति हमें भारत से जोड़ती है। बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने का एक मात्र तरीका है सभी विषयों को समेकित कर एक पुस्तक बनाई जाने की पहल का स्वागत करते हुए उन्होंने भारतीयता को बढ़ावा देने की बात की। उन्होंने इस पहल को राष्ट्र की सच्ची सेवा बताया। जिसका उदाहरण उन्होंने सूर्य भारती पुस्तक को बताया। 

सूर्या फाउण्डेशन के चेयरमैन पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल के मार्गदर्शन में बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में आपने कहा कि वर्तमान में यह एक माॅडल है। इस माॅडल में शिक्षा जगत के हितकारकों, बच्चे, माता-पिता, अध्यक्ष तथा प्रबंधकों के लिए पठन-पाठन सामग्री है। इन पुस्तकों की सहायता से बच्चों के बस्ते का बोझ कम होने के साथ-साथ उनका व्यक्तित्व विकास भी होगा। सूर्य भारती पुस्तकों की रचना में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा भारत सरकार (एन सी ई आर टी) द्वारा निर्धारित लर्निंग आउटकम्स को भी ध्यान में रखा गया है। सूर्य भारती पुस्तकें मिनिमम लर्निंग (एम एल एल), मास्टरी लर्निंग तथा कॉन्सेप्ट मैपिंग में फाउंडेशनल स्टेज के एनसीएफ के अनुसार बनी हैं।

पुस्तकों की विशेषता बताते हुए प्रो. जगवीर सिंह ने बताया कि ये पुस्तकें बच्चों के साथ-साथ अध्यापक और अभिभावकों के लिए भी बहुत उपयोगी है। मुझे विश्वास है कि शिक्षा हितकारी इन पुस्तकों का लाभ उठायेंगे और इन्हें परिमार्जित करने के लिए सुझाव देंगे। इन पुस्तकों का विधिवत प्रयोग-परीक्षण किया जाए। ये पुस्तकें माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षाविदों को इनसाइट देती है। इन पुस्तकों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 का क्रियान्वयन तो हुआ ही है। सरकारी और गैर सरकारी दोनों पक्षों के विद्यालयों में इन पुस्तकों पर प्रयोग-परीक्षण किए जाएँ। एन सी ई आर टी , एस सी ई आर टी, डी आई ई टी, यूनिवर्सिटी के एजुकेशन डिपार्टमेंट  में रिसर्च वर्क में इन किताबों पर शोध कराएँ, ऐसा मेरा मानना है।

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