अंतरराष्ट्रीय न्यूमरोलॉजी दिवस...

दूसरे अंतरराष्ट्रीय न्यूमरोलॉजी दिवस 2022 के मौके पर लॉन्च किया गया अंतरराष्ट्रीय न्यूमरोलॉजी फोरम

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। लोगों के बीच भविष्य का आकलन करने वाले प्राचीन विज्ञान न्यूमरोलॉजी के लाभ के प्रति जारूकता लाने के लिए नवंबर को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय न्यूमरोलॉजी दिवस के दूसरे संस्करण का आयोजन दिल्ली के रेडिसन ब्लू होटल में मनाया  गया। अंतर्राष्ट्रीय अंक ज्योतिष दिवस के कार्यक्रम में डॉ. जे.सी. चौधरी का जन्मदिन भी हर्ष से मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय न्यूमरोलॉजी फोरम की आयोजित की गई पहली मीट, जिससे 13 वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित न्यूमरोलॉजिस्ट ने हिस्सा लिया और कई अन्य न्यूमरोलॉजिस्ट ऑनलाइन माध्यमों से भी जुड़े। 

इस दौरान संबोधित करने वाले न्यूमरोलॉजिस्ट में भारत के डॉ. जे. सी. चौधरी, भारत के  मुदीगोंडा गोपीकृष्णा, यूएई के परी सागर, भारत के  अमरीश सक्सेना, अमेरिका के  माइकल वेस्ट, भारत के अभिनंदन कुमार, भारत के  गोविंद वेदप्रकाश शांडिल्य, भारत की दीपा बजाज, ऑस्ट्रेलिया की तमीरा, भारत के  प्रदीप सिंगला, ऑस्ट्रेलिया की एलिसन रोज, अमेरिका की कैथी बर्नस्टीन और भारत की अंकिता सिंगला भी शामिल रहे। 

कार्यक्रम को आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सह-प्रवर्तक आकाश चौधरी और आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष चौधरी ने भी संबोधित किया। न्यूमरोलॉजी के सैकड़ों प्रशंसकों, और पेशेवरों ने व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. चौधरी पर एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। 18 नवंबर डॉ. चौधरी के जन्मदिन पर सभी ने बधाई भी दी वही केक भी काटा गया। लाइट एंड साउंड शो ने सभी प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अंतरराष्ट्रीय न्यूमरोलॉजी दिवस के बारे में बात करते हुए डॉ. जे.सी. चौधरी ने कहा, “यह अहम है कि हम न्यूमरोलॉजी विज्ञान के लिए एक विशेष दिन समर्पित करें। यह ग्रीस में जन्मा अनोखा, दिलचस्प और भविष्य का आकलन करने वाला विज्ञान है। न्यूमरोलॉजी के सम्मान में एक अंतरराष्ट्रीय दिवस होने से अधिक से अधिक लोगों को यह समझने में मदद मिलेगी कि न्यूमरोलॉजी कैसे काम करती है, संख्याओं का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और जीवन के हर क्षेत्र में न्यूमरोलॉजी कैसे काम आ सकती है।

न्यूमरोलॉजी को समझना बहुत आसान है। इसमें गणना करने के लिए केवल दो चीजों की आवश्यकता होती है: व्यक्ति का नाम और व्यक्ति की सही जन्म तिथि। कोई भी इसे सीख सकता है और जीवन में सभी व्यावहारिक परिस्थितियों में बेहतर निर्णय लेने के लिए इसका उपयोग कर सकता है, जैसे व्यापार में निवेश करना, दोस्तों का चयन करना और संपत्ति खरीदना आदि। समय के साथ न्यूमरोलॉजी को जानने वाला एक समझ विकसित कर लेता है, जिससे उसे वह दिख सकता है, जो अन्य लोगों को नहीं दिखता है।”

उन्होंने बताया कि, अंतरराष्ट्रीय न्यूमरोलॉजी दिवस का पहला संस्करण 2021 में आयोजित किया गया था और इसकी अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेट गवर्नेंस फोरम के अध्यक्ष  राजेंद्र प्रताप गुप्ता ने की थी। इस कार्यक्रम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूमरोलॉजी की स्थापना की योजना सामने लाई गई थी। यह एक ऐसा संस्थान होगा जो आधुनिक विज्ञान के साथ न्यूमरोलॉजी को एकीकृत करने का प्रयास करेगा और वैज्ञानिक तरीकों के जानकार न्यूमरोलॉजिस्ट तैयार करेगा।

इंटरनेशनल न्यूमरोलॉजी फोरम के शुभारंभ पर डॉ. चौधरी ने कहा, "इस वैश्विक पहल से न्यूमरोलॉजी में मानकीकरण हो सकेगा और इस प्राचीन ज्ञान की विभिन्न धाराओं को एक साथ लाया जा सकेगा। यह फोरम लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले अंकों के बारे में अनुभवजन्य एवं प्रयोगों के आधार पर प्रमाणित साक्ष्यों के माध्यम से न्यूमरोलॉजी को लेकर बनी गलत धारणाओं और मिथकों को दूर करने का प्रयास करेगा।” डॉ. चौधरी एक उत्कृष्ट न्यूमरोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने न्यूमरोलॉजी पर 2 पुस्तकें लिखी हैं- "एडवांस्ड न्यूमरोलॉजी" और "प्रैक्टिकल न्यूमरोलॉजी"।

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