73वें संविधान दिवस...

नेहरू युवा केंद्र नई दिल्ली द्वारा 73वें संविधान दिवस का आयोजन

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। नेहरू युवा केंद्र नई दिल्ली के तत्वाधान में संविधान दिवस का आयोजन आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज,धौला कुआं में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कमल नयन चौबे जी उपस्थित रहे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रवाद की सामाजिक पृष्ठभूमि, दलित मीमांसा और जंगल की हकदारी जैसी किताबों की रचना की है। साथ ही आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर ज्ञानतोष कुमार झा और नेहरू युवा केंद्र नई दिल्ली की कार्यक्रम सहायक पर्यवेक्षक श्रीमती जितेंद्र कौर भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत माननीय अतिथिगणों के द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई।

डॉक्टर कमल नयन चौबे जी ने आज के दिन के महत्व से अवगत कराया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर की अपनी खास अहमियत है। यह वही दिन है जब भारत में अपने संविधान को अपनाया था। 1946 में डॉक्टर बी आर अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया और इसकी रचना में 2 वर्ष 11 माह और 8 दिन का समय लगा।

26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को इसे हमारे देश में लागू किया गया। संविधान का अर्थ होता है कानून द्वारा बनाए गए नियम और सिद्धांत। इनका नियम आता है पालन करना होता है। हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा और विस्तृत संविधान है। यह  संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। संविधान  के दिए मौलिक अधिकार हमारे ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने संविधान उद्देशिका पढ़ी और संविधान दिवस के शुभावसर पर राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करने और संविधान में निहित आदर्शों और मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ. विकास कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर,दयाल सिंह कॉलेज द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापन कर किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में नेहरू युवा केंद्र नई दिल्ली के मल्टी टास्किंग स्टाफ श्री संतोष एवं स्वयंसेवक लखविंदर,मनोज, उज्जवल, बबीता, प्रियंका, काजल, आशु,रोहित, नीलोफर, आशीष  का योगदान रहा।

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