कैंसर क्लिनिकों...

विश्व स्तन कैंसर जागरुकता माह के अवसर पर ब्रेस्ट कैंसर क्लिनिकों को लॉन्च किया गया

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

राजधानी दिल्ली। स्तन कैंसर माह के अवसर पर कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर  लाजपत नगर ने एक संवाददाता सम्मलेन का आयोजन किया। जिसमें मरीजों ने अपनी यात्रा के बारे में बताया, जो लम्बे समय पहले स्तन कैंसर पर जीत हासिल कर चुके हैं । वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी 1970 के दशक के बाद से कैंसर के उपचार में हुई तरक्की पर रोशनी डाली। उन्होंने मेडिकल से लेकर सर्जिकल ऑकोलोजी तक , उपचार की आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी दी। इस साल की थीम है लिविंग बियॉन्ड ब्रेस्ट कैंसर। इस अवसर पर डॉ पी के जुल्का प्रिंसिपल डायरेक्टर मेडिकल ओंकोलोजी , मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर लाजपत नगर ने कहा स्तन कैंसर के उपचार के तरीकों में आज बड़े बदलाव आ चुके हैं।

70 के दशक में सक्रमित हो चुके पूरे स्तन को निकाल दिया जाता था। उपचार में हुई प्रगति के बाद स्तन कैंसर के मरीजों के लिए सर्जरी के साथ - साथ दवाओं का उपयोग भी किया जाने लगा । उस समय ऐसी ज्यादातर दवाएं विदेशों से आती थी लेकिन आज इन्हें भारत में ही बनाया जाता है । जिससे मरीजों के लिए इंतजार का समय और इलाज की लागत में कमी आई है। इसके अलावा बेहतर नैदानिक सेवाओं की उपलब्धता एवं जागरुकता बढ़ने के कारण स्तन कैंसर के मरीज शुरूआती अवस्थाओं में ही हमारे पास इलाज के लिए पहुंच जाते हैं । इन सब पहलुओं की वजह से मरीजों के जीवित रहने की संभावना में कई गुना सुधार हुआ है ।

डॉ. हरित चतुर्वेदी , चेयरमैन मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर ने बताया किसी भी बीमारी , खासतौर पर कैंसर का जल्दी निदान होने से मरीज को बेहतर इलाज मिलता है और यह जल्दी ठीक होता है । इससे डॉक्टरों के लिए भी इलाज का दायरा बढ़ जाता है । हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में बहुत छोटे घावों के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं होगी । जिससे डिस्फिगरेशन की संभावना और कॉस्मेटिक प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यकता कम हो जाएगी ।  66 वर्षीय महिला श्रीमति सुचेता सचदेव ने अपने 27 सालों की यात्रा के बारे में बताया , जिनमें 1995 में स्तन कैंसर का निदान किया गया था मुझे याद है उन दिनों मेरे दायें स्तन में बहुत ज्यादा दर्द था। जो मैं सहन नहीं कर पा रही थी ।

कुछ समय के लिए मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया , लेकिन जब में डॉक्टर के पास पहुंची तो मैं और मेरा परिवार हैरान रह गए। उन दिनों कैंसर को मौत का पर्याय ही माना जाता था । मैं एक कामकाजी माथी मेरे पास अपने लिए समय नहीं होता था । फिर मेरा इलाज शुरू हुआ। पूरी प्रक्रिया में कुछ महीने लगे मेरे से होना आम बात थी । मेरे परिवार ने मुझे पूरा सपोर्ट दिया , मेरे पास बीमारी से लड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था । छह महीने बहुत मुश्किलों में बीते कई राउण्ड के लिए कीमोथेरेपी की गई। उसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि अब मेरा कैंसर ठीक हो चुका है।

मैं डॉ जुल्का के साथ नियमित रूप से फॉलोअप करती थी और तकरीबन एक दशक तक दवाओं पर रही। मुझे खुशी है कि पिछले दो दशकों के दौरान में स्तन कैंसर के मरीजों को भावनात्मक सहयोग देती आ रही हूँ । एक और मरीज श्रीमति कांता ने स्तन कैंसर से अपनी जंग के बारे में बात की  मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर , लाजपत नगर ने मरीजों को समग्र समाधान उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल में स्पेशलाइजड क्लिनिक ब्रेस्ट कैंसर क्लिनिक , गायनी क्लिनिक और फर्टीलिटी क्लिनिक भी लॉन्च किए हैं ताकि मरीज अच्छी गुणवत्ता का गरिमामय जीवन जी सकें ।

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