दिल्ली इकाई के नए अध्यक्ष...

परमजीत सिंह सरना अकाली दल की दिल्ली इकाई के नए अध्यक्ष

कुलवंत कौर, संवाददाता

नई दिल्ली। सरदार परमजीत सिंह सरना की अगुवाई में अकाली दल की दिल्ली इकाई के शिरोमणी अकाली दल के साथ एकजुट होने से पंथक और पंजाब से लेकर दिल्ली तक धार्मिक -राजनीतिक घटनाक्रम में एक नया तथा महत्वपूर्ण मोड़ आया है। इसमें वर्तमान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने आरोप लगाया कि इन दोनो का मिलना सिख कोम के लिए सबसे बड़ा धोखा है। अपनी अपनी गरज के लिए दोनो ने समझोता किया है, जब एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लडे और अब एक साथ आना कही न कही इनकी राजनीति खिसकती नजर आ रही है।

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने इस घटनाक्रम को सिख और पंजाब की धार्मिक तथा राजनीति में निर्णायक गेम चेंजर करार देते हुए जत्थेदार सरना को पार्टी की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया तथा उनसे पूरे पंथ को एक पंथक झंडे के नीचे सभी को एकजुट करने के अभियान की अगुवाई करने का आग्रह किया। उन्होने सरदार सरना से अन्य पार्टी की इकाइयां बनाने के लिए कहा। उन्होंने आरोप लगाया की आज सिख कोम को आरएसएस और भाजपा खत्म करना चाहतें है।

सरदार सरना ने इस अवसर पर अपने भाषण में ‘‘ सिखों के गददारों और सिख कोम लूटने वालों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि इन कठपुतलियों और उनके आकाओं की हरकतों ने सिख पंथ में निराशा की लहर है।उन्होंने बादल परिवार का शुक्रियादा कहा की उन्होंने मुझे इस लायक समझा। मैं पंथक समाज के लिए हमेशा साथ हूं।

सरदार सुखबीर सिंह बादल, प्रधान शिरोमणि अकाली दल ने वर्तमान कमेटी पर जमकर निशाना साधा ,जिन्होने सिखों के दुश्मनों को बढ़ावा देने और इसे लागू करने के लिए सिख वेश में काम किया’’। उन्होने कहा, ‘‘ सिख समुदाय में गृहयुद्ध छेडने के लिए कुटिल साजिशें रची जा रही हैं। उन्होने सरदार सरना और उनकी पूरी टीम और समर्थकों को इस नेक काम को अपना अटूट समर्थन देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा , ‘‘एकता ही इन साजिशों को पराजित करेगी’’।

सरदार बादल ने कहा कि संकट के दौर ने हमेशा खालसा पंथ को एकजुट किया है। उन्होने कहा, ‘‘आज खालसा पंथ और उसके ऐतिहासिक संस्थानों पर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से आर एस एस,भाजपा कब्जा करना चाहती हैं। वही, जो हरियाणा के लिए एक अलग गुरुद्वारा कमेटी को वैध ठहराकर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को तोड़कर पंथ को कमजोर करना चाहते हैं। उन्होने कहा कि बाहरी हमले और आंतरिक तोड़फोड़ से लडने के लिए एकता की आवश्यकता है’’। इस अवसर पर एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ,सरदार सुखविंदर सिंह बब्बर और बीबी रंजीत कौर ने भी भाषण दिया।

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