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प्लास्टिक अपशिष्ट को बेकार नहीं उसका सही विकल्प बनाए : महेंदर सिंह

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार प्लास्टिक अपशिष्ट में कमी लाने के लिए सक्रिय कदम बढ़ा रही है। 19 सिंगल यूज प्लास्टिक पहले से बैन किए जा चुके हैं और आने वाले समय में ऐसे और प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इस बदलाव से प्रतिदिन 550 टन सिंगल यूज प्लास्टिक व्यर्थ की कमी लाई जा सकेगी। आईएफएटी इंडिया ने हितधारकों को चर्चा के लिए निष्पक्ष मंच प्रदान किया है। इस तरह के आयोजन न सिर्फ आम जनता को जागरुक बनाते हैं बल्कि सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र को भी बेहतर एवं स्वच्छ वातावरण के लिए प्रतिबद्ध बनाते हैं। यह कहना है कॉर्पोरेट , डाबर इंडिया के हेड ईएचएस डॉ. केएस जयचन्द्रन का।

बता दें कि मैस्से म्युनशेन इंडिया ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में घोषणा की कि आईएफएटी इंडिया के नौंवें संस्करण के एक्सक्लुजिव शो प्रीव्यू का आयोजन करने जा रहे हैं। इस मौके पर उपस्थित गाजियाबाद के निगम आयुक्त ने कहा कि प्लास्टिक को बेकार नहीं उसका विकल्प तलाशना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आईएफएटी इंडिया 2022 का आयोजन आगामी 28-30 सितम्बर 2022 को मुंबई के बॉम्बे एक्जहीबिशन सेंटर में होगा। इस दौरान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में पूर्व सलाहकार संचिता जिंदल, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के सदस्य सचिव, महेन्द्र सिंह तंवर, कमिश्नर, गाजियाबाद नगर निगम और चंदर मोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू नगर निगम शामिल हुए। जबकि  इस पैनल चर्चा का संचालन भारतीय प्रदूषण नियन्त्रण संगठन के डायरेक्टर डॉ आशीष जैन द्वारा किया गया। 

इस मौके पर प्लास्टिक न्यूट्रेलिटी की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा करते हुए डॉ आशीष जैन ने कहा कि सरकार और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत में सर्कुलर अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं और प्लास्टिक के रीड्यूस, रीसायकल, रीयूज को बढ़ावा देने और प्लास्टिक को पर्यावरण से बाहर करने के लिए प्रयासरत हैं। आज कुछ ही हितधारक प्लास्टिक न्यूट्रेलिटी को अपना रहे हैं।

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