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सियासी सिख कैदी रिहाई मोर्चा ने, जेलो में बंद केदियों की  जल्द रिहाई कराने कि मांग

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। ऑपरेशन ब्लूस्टार से पहले से कई सिख कैदी आज भी देश की विभिन्न जेलो में बंद है, उनको लेकर लगातार सभी सिख संगठन रिहाई की मांग करता रहा है लेकिन न तो उनको पैरोल मिलती है, न ही किसी भी प्रकार की कानूनी मदद दी जा रही है। सियासी सिख कैदी रिहाई मोर्चा इस को लेकर लगातार आवाज उठाता रहा है पिछले एक महीने से दिया गया धरना प्रदर्शन आज जंतर मंतर पर सैकड़ों सिखों ने जिसमें महिलाए भी थी, पहुंच कर बंदी सिखो की रिहाई के लिए धरना दिया गया। 

मोर्चा के संचालन सरदार परमिंद्र पाल सिंह ने बताया कि ,यह मामला कई राज्यों के साथ केंद्र सरकार की कमजोर कानूनी कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। उन्होंने बताया की 31जुलाई से चला प्रदर्शन आज 30अगस्त को समाप्त किया है। आज हमने मान्य प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया है कि नियमो के विरूद्ध उन सभी सिख कैदियों को रिहा किया जाए जो उम्र कैद की सजा, काट चुके हैं। पुराने नियम के तहत 14साल सजा काट चुका कैदी रिहाई का हक रखता है, लेकिन पीड़ित सिखों की आवाज को आज कोई भी सरकारें सुनने को तैयार नहीं, न तो उनको पैरोल मिलती है, न कोई मुकदमा चलाया जा रहा है। यह मानवाधिकारों के खिलाफ है, हम इसकी पुरजोर निंदा कर कैदी सिखों की रिहाई के लिए  प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन दिया है और हमने कई मांगी की और भी ध्यान आकर्षित किया है।

अनुच्छेद72 मान्य राष्ट्रपति जी द्वारा छमा दान हो।अनुच्छेद 161मान्य राज्यपाल के पास रिहाई के अधिकार है।धारा 432, उपयुक्त सरकार किसी भी  कैदी के सशर्त जमानत देकर या उन्हें चाल चलन के व्यवहार से।रिहा कर सकती हैं। ऐसे कई मामले है जहा कैदियों को रिहा किया गया है,उनकी आज कमी गई है। हमारी मान्य प्रधानमंत्री जी से प्रार्थना है कि जल्द से जल्द सुनवाई फास्ट कोट में हो उनके साथ न्याय नहीं हो रहा, दोनो सरकार समन्वय बनाकर उनको जल्द रिहा करे ।

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