राष्ट्रीय समर स्मारक...

उल्टी राइफल और हेलमेट को भी इंडिया गेट से राष्ट्रीय समर स्मारक ले जाया गया

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का हिस्सा रही ऐतिहासिक राइफल और सैनिक के हेलमेट को शुक्रवार को राष्ट्रीय समर स्मारक ले जाया गया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सशस्त्र बलों ने इंडिया गेट से उलटी राइफल और हेलमेट राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के परम योद्धा स्थल पर पहुंचा दिया है। उल्लेखनीय है कि यह राइफल और हेलमेट 1971 के युद्ध के शहीद सैनिकों का प्रतीक है। 

मंत्रालय ने बताया कि राइफल और हेलमेट को परम वीर चक्र विजेताओं की आवक्ष प्रतिमाओं के बीच स्थापित किया गया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस समारोह के साथ, 1971 के शहीद सैनिकों के स्मारक का एकीकरण राष्ट्रीय समर स्मारक में पूरा हो गया।"' समारोह का नेतृत्व चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन, चीफ् ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) एयर मार्शल बी आर कृष्णा ने किया। इसमें तीनों सशस्त्र बलों (थल सेना, वायु सेना और नौ सेना) के वरिष्ठ अधिकारी भी शरीक हुए।

इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति को जनवरी में राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति में विलय कर दिया गया था। राष्ट्रीय समर स्मारक, इंडिया गेट से करीब 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। अमर जवान ज्योति का निर्माण उन भारतीय सैनिकों के एक स्मारक के तौर पर किया गया था जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत विजयी रहा था।

1972 में इंदिरा गांधी ने किया था अमर जवान ज्योति का उद्घाटन

अमर जवान ज्योति का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को किया था. अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय जवानों की याद में किया गया था जो 1971 के युद्ध में शहिद हुए थे. इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना को घुटनों पर लाकर उसके 93 हजार सैनिकों को कब्जे में लिया और बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी.

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