पेंटिंग प्रदर्शनी में दिखाया प्यार और अतरंगी रंग : पीयूष माथुर
नई दिल्ली। कलाकार की कला में तब चार चांद लग जाते है, जब लोगों का प्यार मिले और सम्मान हमेशा मिलता रहता है। पीयूष माथुर एक जाना माना चेहरा है, जिनकी पेंटिंग के हर वर्ग में दीवाने हैं। दक्षिणी दिल्ली के साकेत में स्थित शेरेटन होटल में उनकी बनाई चित्रकला की प्रदर्शनी 26 फरवरी से लगी हुई थी।जिसकी सभी वर्ग के लोगो ने सरहाना की।
पेंटिंग बनाने के विषय मे पीयूष माथुर ने बताया की मुझे मेरी माँ से पेंटिंग्स बनाने की प्रेरणा मिली वह खुद भी पेंटिंग बनाती थी। शौक तो पहले से ही था लेकिन व्यापारिक कारणों से आगे नही बना सकें लेकिन कोरोना काल मे सभी यादे पुनः घर मे बैठे बैठे इसी तरह अपने खालीपन को भरने की कोशिश की औऱ दोस्तो, जानकारों को मेरा काम पसन्द आया और फिर एकबार केन्वाश पर रंग भरने लगे।
मेरा मानना है कि कला का कोई अंतिम छोर नही होता। पेंटिंग और मोडर्न आर्ट कलाकार की पहचान उसकी सोच से उजागर होती है। वही मैने अपनी कला को केन्वाश पर उतारा है जो प्रदर्शनी में दिखाई दे रहा है। मेरी एक पेंटिंग एटीट्यूड को फ़िगयुरेटिव केटेगरी में प्रथम पुरस्कार मिला है। जो राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड की श्रेणी में होता है। यह गत दिनों मुम्बई में हुआ था। यह इवेंट कैमलिन द्वारा प्रायोजित किया गया था। प्रदर्शनी को शेरेटन होटल साकेत में प्रचारित करने में कोस्चन एसोसिएट की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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