अनएकेडमी ने लॉन्च किया ‘शिक्षोदय’: पाँच लाख छात्राओं को शिक्षित करने की एक पहल
बंसीलाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े लर्निंग प्लेटफॉर्म अनएकेडमी ने आज 3 दिसंबर को अपने नेशनल मेगा फ्लैगशिप इनिशिएटिव- ‘शिक्षोदय’ की घोषणा की। आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे, ‘शिक्षोदय’, ने आजादी के 75वें वर्ष में देश के आत्मनिर्भर बनने की सोच के प्रति अनएकेडमी की प्रतिबद्धता है। इस पहल के साथ, अनएकेडमी का लक्ष्य ‘बेटी संग बुलंदी की ओर’ पाने का लक्ष्य है, जोकि देशभर में पाँच लाख होनहार छात्राओं को शिक्षित करे और उन्हें सशक्त बनाये।
यह पहल उन लड़कियों को सक्षम बनाएगी जो स्कूल छोड़ चुकी हैं, वर्तमान में स्कूलों और कॉलेजों में उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा में फिर से एकीकृत करने के अवसर पैदा कर रही हैं शिक्षोदय के साथ, सभी पाँच लाख छात्राओं को ज्ञान और कौशल मिलेगा जो उन्हें अपने और अपने समुदायों के हित में काम करने, अपने लक्ष्यों को पूरा करने और भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने में मदद करेगा।
इस अवसर पर अपनी राय व्यक्त करते हुए, अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग ने कहा, “इस मेगा पहल से न केवल पाँच लाख छात्राओं की जिंदगी बदलने की उम्मीद है, बल्कि उनके परिवारों, समाज और राष्ट्र पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एडटेक में शिक्षा को बदलने के लिए नवीन, लागत प्रभावी तरीके प्रदान करने की क्षमता है और सभी बच्चों के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुँच प्राप्त करने में एक शक्तिशाली भूमिका निभा सकता है। अनएकेडमी का उद्देश्य भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये टेक्नोलॉजी की शक्ति का उपयोग करना है। अनएकेडमी की एक नेक पहल शिक्षोदय न केवल लड़कियों को नौकरी पाने में मदद करेगी बल्कि साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि यह उन लड़कियों को सशक्त बनाये, जिन्होंने अपनी आजीविका कमाने के लिए शिक्षा छोड़ दी है।”
इस मौके पर, मोहनदास पई, चेयरमैन, मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन का कहना है, “महिलाओं को शिक्षित करने से उन्हें जीवन की चुनौतियों से लड़ने की ताकत मिलेगी। हम बड़े पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन के चरम पर हैं, इंटरनेट, डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म और मोबाइल फोन जबर्दस्त अवसर प्रदान कर रहे हैं और महिलाओं को अतिरिक्त आय अर्जित करने और उनके रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने का मौका दे रहे हैं। महिला साक्षरता, कार्यबल में भागीदारी और वित्तीय समावेशन किसी देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण घटक हैं और शिक्षा एक अभिन्न स्तंभ है जो उनके सशक्तिकरण में योगदान देती है। अनएकेडमी की यह पहल ज्यादा से ज्यादा स्टार्ट-अप्स को राष्ट्र निर्माण कार्यक्रमों में योगदान देने लिये प्रेरित करेगी।"
गौरव मुंजाल, को-फाउंडर एवं सीईओ, अनएकेडमी ग्रुप का कहना है, “अनएकेडमी में हमारी सोच सबके लिये उच्च शिक्षा को उपलब्ध कराना है, चाहे उसकी भौगोलिक और आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। चूँकि हमने आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर लिया है, ऐसे में समाज और अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिये महिलाओं का सशक्तिकरण जरूरी है। हमारा मानना है कि टेक्नोलॉजी संचालित सामाजिक समानता और शिक्षा दो इंजन हैं जो हमें 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में शक्ति प्रदान करेंगे। शिक्षोदय के साथ, हम उस परिवर्तन में से कुछ को सक्षम करना चाहते हैं और 5 लाख छात्राओं को सशक्त बनाकर बड़े पैमाने पर सामाजिक प्रभाव पैदा करने की आशा करते हैं।“
अनएकेडमी ने 'शिक्षोदय' नामक फिल्म में 'बेटी संग बुलंदी की ओर' के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित की, जिसे आज नई दिल्ली में पहल के लॉन्च इवेंट में प्रदर्शित किया गया। फिल्म इस बारे में बात करती है कि कैसे अनएकेडमी छात्राओं को सशक्त बना रही है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के उनके सपनों को प्राप्त करने में मदद कर रही है
इस कार्यक्रम में प्रमुख वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और सेक्टर लीडर्स ने भाग लिया। अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग, सोम प्रकाश, राज्य मंत्री, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ संध्या चिंतला, कार्यकारी निदेशक, आईटी और आईटीईएस एसएससी, प्रो अनिल सहस्रबुद्धे, चेयरमैन, एआईसीटीई, भारत सरकार, मोहनदास पई, चेयरमैन, आरिन कैपिटल और चेयरमैन मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन और कांता सिंह, भारत प्रमुख, संयुक्त राष्ट्र-महिला।
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