सांभर में पक्षियों की मौत के प्रकरण में मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक
जयपुर राजस्थान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांभर झील तथा उसके भराव क्षेत्र में पक्षियों की मौतों के मामले की समीक्षा की। इस संबंध में गुरूवार रात को मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अब तक की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए कि पक्षियों की मौत के कारणों की जांच कर प्रभावी कदम उठाए जाएं। साथ ही मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए ताकि किसी प्रकार का संक्रमण फैलने की आशंका नहीं रहे। बैठक में बताया गया कि देश के प्रतिष्ठित संस्थान सालीम अली सेन्टर फॉर आर्निथोलोजी एण्ड नेचुरल हिस्ट्री, भारतीय वन्यजीव संस्थान तथा बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के विशेषज्ञों ने आज साइट पर पहुंचकर काम प्रारम्भ कर दिया है। साथ ही राज्य पशुपालन विभाग की टीम ने वहां से सैम्पल लेकर भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग केन्द्र में भेजे दिये थे। वहां की रिपोर्ट के अनुसार एवियन फ्लू से संबंधित रिपोर्ट नेगेटिव है। इसलिए फ्लू के संक्रमण का खतरा नहीं है।
राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के विशेषज्ञों ने एवियन बोट्यूलिज्म की सम्भावना जताई है। भोपाल से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होने पर इसके वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। राहत कार्योंं में एसडीआरएफ की टीम से भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि पानी में कोई मृत पक्षी नहीं रहे। सांभर झील के विस्तृत क्षेत्र को देखते हुए सांभर साल्ट लिमिटेड से भी राहत कार्यों में सहयोग लिया जा रहा है। वहां दो इमरजेंसी मोबाइल यूनिट भी कार्य कर रही है और औषधियों का पर्याप्त इंतजाम किया गया है।
पशुपालन विभाग की टीम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और स्थिति अब नियंत्रण में है। गुरूवार को प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण श्रेया गुहा, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिन्दम तोमर, पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. राजेश शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ सांभर झील क्षेत्र का दौरा कर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। बैठक में वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा, पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. राजेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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