महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए कार्यप्रणालियां अपनाना चाहिए
नई दिल्ली
केन्द्रीय महिला और बाल विकास तथा वस्त्र मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने घोषणा की है कि उनका मंत्रालय नीति आयोग के साथ मिलकर महिलाओं और बच्चों के लिए केन्द्र और राज्य की सभी नीतियों और कार्यक्रमों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए अगले वर्ष की शुरूआत तक राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिए एक राष्ट्रीय योजना की रूपरेखा तैयार करेगा। ईरानी 13-14 नवंबर, 2019 को महिला और विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रही थी।
स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा कि यह राष्ट्रीय सम्मेलन सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां केन्द्र और राज्य देश की महिलाओं और बच्चों के अधिक कल्याण के लिए श्रेष्ठ कार्यप्रणाली / सुझावों को साझा करने और उन्हें अपनाने के लिए एक स्थान पर आए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि महिलाओं और बच्चों के लिए सराहनीय कार्य करने वाले राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के लिए एक प्रोटोकॉल विकसित किया जा सकता है और साथ ही इनमें बच्चों की देखभाल करने वाले संस्थानों की रैंकिंग भी की जा सकती है।
राष्ट्रीय सम्मेलन में मंत्रालय के सचिव और सभी वरिष्ठ अधिकारी तथा राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में महिलाओं और बच्चों के विभागों में कार्यरत सचिवों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। दो दिवसीय सम्मेलन में आंगनवाड़ी सेवाओं, कौशल अंतर तथा महिलाओं और बच्चों के लिए उद्यमिता संबंधी मुद्दों, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी), मिशन और बाल संरक्षण सेवाओं तथा भारत में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रस्तुतियां दी गई। विभिन्न मुद्दों जैसे निधि का उपयोग नहीं होने बच्चों की देखरेख करने वाले संस्थानों (सीसीआई), केन्द्रीय योजनाओं जैसे मिड डे मील, आंगनवाड़ी, पोषण, लिंग विशेष आंकड़ों की कमी, महिलाओँ तथा बच्चों के लिए केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी तथा राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों में महिला और बाल विकास के सामने मौजूद विभिन्न बाध्यताओं पर भी विचार विमर्श किया गया।
राज्य के सचिवो और अधिकारियों ने अपने-अपने राज्यों और जिलों से जुड़े मुद्दों को उठाया जिनकी तरफ मंत्रालय को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। नए भारत की रणनीति – महिलाओं और बच्चों की स्थिति के संबंध में नीति आयोग में स्वास्थ्य और पोषण सलाहकार द्वारा दी गई प्रस्तुति के दौरान यह फैसला लिया गया कि महिलाओं और बच्चों के सामने आने वाले मुद्दों को केवल महिला और बाल विकास मंत्रालय के पास रोककर नहीं रखा जा सकता। लेकिन खाद्य और नागरिक आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, विधि और न्याय तथा गृह मंत्रालय जैसे अन्य मंत्रालयों को सक्रियता से शामिल किया जा सकता है। स्मृति ईरानी ने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे कानून और केन्द्र तथा महिलाओं और बच्चों से जुड़ी केन्द्र और राज्य की योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए सभी विभागों के अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित करें।
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