मुख्यमंत्री की निजी पहल और निगरानी के चलते केवल 45 दिनों में मिली सभी तरह की जरूरी मंजूरी
संवाददाता : नई दिल्ली
यमुना फ्लड प्लेंस में बाढ़ के पानी को इकट्ठा करने की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी परियोजना को सभी तरह की जरूरी मंजूरी मिल गई है। अब इस परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) कोर्ट ने भी 25 जुलाई को इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा सकेगा।
दिल्ली में पानी की कमी की समस्या, खासकर गर्मियों के दिनों में, को दूर करने के लिए यह एक बेहद अहम प्रोजेक्ट है जिसमें यमुना फ्लड प्लेंस में जल संचय का काम किया जाएगा और पल्ला और वजीराबाद के बीच एक बड़ा जलाशय बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत फ्लडप्लेंस में छोटे-छोटे पॉन्ड्स बनाये जाएंगे जिनमें बारिश के दौरान यमुना में बहने वाले पानी को इकट्ठा किया जाएगा।
इस परियोजना को अब सभी तरह की मंजूरी प्राप्त हो गई है।
क्रम | अथॉरिटी | मंजूरी मांगी गई | मंजूरी मिली |
1 | अपर यमुना रिवर बोर्ड (यूआरवाईबी) | 25/6/19 | 4/7/19 |
2 | सीजीडब्ल्यूबी | 25/6/2019 | 6/7/2019 |
3 | एनएमसीजी | 25/6/2019 | 6/7/2019 |
4 | सीडब्ल्यूसी | 23/5/2019 | 18/6/2019 |
4 | एनजीटी मॉनिटरिंग कमेटी | 25/6/2019 | 12/7/2019 |
5 | एनजीटी प्रिंसिपल कमेटी | 5/7/2019 | 19/7/2019 |
6 | दिल्ली सरकार की कैबिनेट | 2/7/2019 | 3/7/2019प्रस्ताव को मंजूरी 10/7/2019 लैंड रेट्स को मंजूरी |
7 | एनजीटी कोर्ट | 23/7/2019 | 25/7/2019 |
मुख्यमंत्री की निजी पहल और निगरानी से 45 दिनों में मिली सभी जरूरी मंजूरी
इस पायलट प्रोजेक्ट पर इसलिए बहुत तेजी से काम संभव हो पाया क्योंकि मुख्यमंत्री निजी तौर पर पल-पल इसकी निगरानी कर रहे थे। केवल 45 दिन के भीतर सभी प्रकार की मंजूरी इसलिए संभव हो पाई क्योंकि मुख्यमंत्री खुद इस महत्वाकांक्षी परियोजना को गति दे रहे हैं जो दिल्ली के लिए गेम-चेंजर साबित होने जा रहा है। मुख्यमंत्री की तरफ से निजी तौर पर पल-पल की निगरानी के बगैर इतने बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजना का गति पकड़ना संभव नहीं था।
मुख्यमंत्री इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं कि केवल पानी का रिसाइकिल और रिचार्ज ही दिल्ली में पानी की कमी की समस्या, खासकर गर्मियों के मौसम में, का समाधान है।
इस प्रोजेक्ट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (जो कि खुद आईआईटी खड़गपुर एलम्नाई और एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं) के नियमित निगरानी और समय पर हस्तक्षेप के कारण कागजी कार्रवाई बहुत तेजी से पूरी हुई है।
केंद्र की तरफ से समय पर अप्रूवल्स मिल जाने की वजह से इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जमीनी कार्यों के लिए पर्याप्त वक्त मिल गया। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाने के लिए मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल निजी तौर एक-एक अथॉरिटी से खुद मुलाकात की और जरूरी मंजूरी दिलवाई। केंद्र सरकार की तरफ से समय पर मंजूरी मिलने और पूर्ण सहयोग के लिए मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत को धन्यवाद भी दिया था। दिल्ली और देश के विभिन्न हिस्से पानी के भारी संकट से जूझ रहे हैं। ये पायलट प्रोजेक्ट ना केवल दिल्ली के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गेम चेंजर साबित होगा।
वाटर कंजर्वेशन और ग्राउंड वाटर रिचार्ज का नया मॉडल देगी दिल्ली
यमुना फ्लड प्लेन में जल संचय का प्रोजेक्ट देश का अपने तरह का पहला प्रोजेक्ट है। पानी के रिसाइकिल और रिचार्ज का कॉन्सेप्ट ज्यादातर विकसित देशों में सुनने को मिलता है। इस प्रोजेक्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अन्य लोगों से आगे की सोचते हैं। साथ ही उनका विजन दिल्ली के विकास के लिए दुनिया भर के बेहतरीन उपायों को लागू करने का है। इस पायलट प्रोजेक्ट की निगरानी सीधे तौर पर एक आईआईटियन के तरफ से की जा रही है। एक आईआईटियन मुख्यमंत्री इस प्रोजेक्ट की निजी तौर पर निगरानी कर रहे हैं और उसको गति दे रहे हैं। टेक्निकल बैकग्राउंड होने के नाते वह प्रोजेक्ट को लागू करने से जुड़ी हर छोटी-छोटी जानकारी पर गौर कर लेते हैं। विभिन्न एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस जिनमें आईआईटी दिल्ली, एनआईएच, सीजीडब्ल्यूबी, आईआईटी बॉम्बे, डब्ल्यूएपीसीओएस, दिल्ली विश्वविद्यालय शामिल हैंने अपने अध्ययन में कहा है कि इस प्रोजेक्ट के तहत यमुना फ्लडप्लेन में बहुत भारी मात्रा में पानी इकट्ठा करने की संभावना मौजूद है
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