हरियाणा में सरकार व प्रशासन का टकराव
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए हरियाणा से भी अच्छे संकेत नहीं मिल रहे हैं इस बार यहां भाजपा को 2014 की तरह सफलता मिलने में कठिनाई नजर आ रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने संसद की सभी सीटें जीती थीं लेकिन इस बार मनोहर लाल खट्टर ने जनता को नाराज कर दिया है। एक सर्वे के अनुसार हरियाणा में अब कांग्रेस के समर्थक बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से प्रशासन का एक तबका भी नाराज है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आमतौर पर सामान्य जनता की सहानुभूति नहीं होती है लेकिन जब अशोक खेमका जैसे प्रशासनिक अधिकारी सरकार पर दबाव डालने का आरोप लगाते हुए अदालत तक पहुंच जाएं तब जनता को भी सोचना पड़ता है कि मनोहरलाल खट्टर की सरकार ने कुछ तो गड़बड़ किया ही है।
यह बात जनता भी जानती है कि जो अधिकारी ईमानदार होगा, वह सरकार की चापलूसी नहीं कर सकता। हरियाणा में अशोक खेमका भी इसी तरह के अधिकारी हैं। श्री खेमका ने ही श्रीमती सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की जमीन के सौदे पर आपत्ति उठाई थी। अब वहीं अशोक खेमका भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नजर में चुभने लगे हैं। मुख्यमंत्री से श्री खेमका का टकराव चर्चा का विषय बना हुआ है।
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