किसी फतवे से संचालित नहीं होता भारत : सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत किसी फतवे से संचालित नहीं होगा। यह सिर्फ और सिर्फ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के संविधान से संचालित होगा। कुछ लोग इसे फतवे से संचालित करना चाहते हैं, ऐसा हरगिज नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ब्रतालीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि समारोह के सातवें दिन महंत दिग्विजयनाथ की श्रद्धांजलि सभा में अध्यक्षीय संबोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी सुरक्षा चाहते हैं तो भारत की सुरक्षा की चिंता करनी होगी। अगर हम अपनी समृद्धि चाहते हैं तो भारत की समृद्धि की चिंता करनी होगी। इन सभी चिंताओं का समाधान भारतीय संविधान में है।



संविधान के दायरे में रहकर हम जनभावनाओं का सम्मान कर सकते हैं। साथ ही देश का उत्थान कर सकते हैं। समर्थ भारत और समृद्धि की पूरी परिकल्पना भारत के संविधान में निहित है। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के आदर्शों की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म व्यक्तिगत धर्म से बड़ा है। ऐसे में यदि व्यक्ति का विकास चाहिए तो राष्ट्र का विकास उसकी अनिवार्य शर्त है। भारतीय संस्कृति में छुआछूत और ऊंच-नीच का कोई स्थान नहीं है। हमारा संविधान भी इसी का समर्थन करता है। महंत दिग्विजयनाथ के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने न केवल बिखरे योगी समाज को एक किया बल्कि उन्हें धर्म और अध्यात्म के साथ-साथ राष्ट्रोन्मुख भी किया। हदुित्व के मूल्यों और आदर्शों की पुनस्र्थापना के लिए महंत दिग्विजयनाथ ने राजनीति में प्रवेश किया क्योंकि वह जानते थे कि वृहद हिंदू समाज ही राष्ट्रीय एकता की गारंटी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर दिग्विजयनाथ के हदित्व को राष्ट्रीयता मानने के मंत्र का पालन हुआ होता तो कश्मीर नहीं जलता और न ही पूवरेत्तर के राज्यों में अलगाववाद की समस्या खड़ी होती। सामाजिक परिवर्तन में नाथ पंथ की भूमिका की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ ने वाराणसी के विश्वनाथ मन्दिर का दरवाजा सर्व समाज के लिए खुलवाया तो महंत अवेद्यनाथ ने मीनाक्षीपुरम में अनुसूचित वर्ग को सम्मान दिलाने के लिए आंदोलन किया और सहभोज से हिंदू समाज को जोड़ने का काम किया।


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